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125 पंडितों ने उतारी चंबल माता की आरती:प्रतिमा से 1 घंटे में 7 लाख लीटर पानी गिरेगा; बने 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड

राजस्थान के पहले सबसे बड़े चंबल रिवर फ्रंट का मंगलवार को लाेकार्पण हो गया। समारोह में सीएम अशोक गहलोत को भी आना था, लेकिन किसी वजह से उनका कार्यक्रम स्थगित हो गया। शाम करीब साढ़े छह बजे चंबल माता की प्रतिमा का लोकार्पण किया गया। इसी के साथ 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गए हैं।

इस दौरान 125 पंडितों ने चंबल माता की आरती उतारी। कार्यक्रम के दौरान अचानक बारिश आ गई। इस पर घाट की जगह छत के नीचे खड़े होकर आरती की गई। इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद मंत्री-विधायकों की ओर से रिमोट का बटन दबाकर प्रतिमा का लोकार्पण किया गया। इस प्रतिमा से 1 घंटे में 7 लाख लीटर पानी चंबल नदी में गिरेगा।
इससे पहले, सुबह 10 बजे यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी समेत अन्य मंत्रियों और विधायकों ने चंबल रिवर फ्रंट का उद्घाटन किया।
एकमात्र रिवर फ्रंट जहां दुनिया के सभी देशों के मॉडल
अधिकारियों की मानें तो यह एकमात्र ऐसा रिवर फ्रंट है, जहां सभी देशों के मॉडल बनाए गए हैं। यह पूरा रिवर फ्रंट दोनों छोर पर करीब साढ़े पांच किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है। यहां सबसे बड़ी घंटी है, जिसकी आवाज 8 किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी।
जिस देश का मॉडल, वहां का मिलेगा जायका
यहां अलग-अलग देशों के मॉडल बनाए गए हैं। इनकी खास बात ये है कि जिस देश का मॉ15 हजार लोग एक बार में देख सकेंगे, तीन एंट्री पॉइंट
यहां करीब 22 घाट बनाए गए हैं। इसके अलावा दुबई की तर्ज पर यहां फाउंटेन लगाए गए हैं, जहां हर शाम म्यूजिकल शो होगा। इस पूरे रिवर फ्रंट में एक बार में करीब 15 हजार लोग घूमने आ सकते हैं। यहां तीन एंट्री पॉइंट बनाए गए हैं। हालांकि जनता के लिए यह कब खुलेगा और कितना चार्ज लगेगा, ये तय नहीं है। माना जा रहा है कि यूआईटी प्रति व्यक्ति 200 रुपए एंट्री फीस लेगी। इसके अलावा यदि कोई टूरिस्ट यहां घूमने आता है तो यहां दो दिन का समय लगेगा।डल होगा, वहां के खास जायके का स्वाद टूरिस्ट चख सकेंयहां 30 गोल्फ कार्ट लगाई गई हैं। सिक्याेरिटी के लिए रिवर फ्रंट के दोनों छोर पर 189 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड को मिलाकर 400 लोग यहां तैनात रहेंगे।

ये रिकॉर्ड बनने का दावा

नेहरू का सबसे बड़ा फेस मास्क- पं. जवाहरलाल नेहरू का देश का सबसे बड़ा फेस मास्क बनाया है। ऊंचाई 264.50 मीटर है। 5.50 करोड़ से गन मेटल से बना मुखौटा 25 टन वजनी है। पर्यटक मुखौटे की आंख में से रिवर फ्रंट देख सकेंगे।
दुनिया का सबसे बड़ा नंदी- पश्चिमी जोन में नंदी की प्रतिमा है, जो दुनियाभर में सबसे बड़ी है। ऊंचाई 6.5 मीटर, लंबाई 10.5 मीटर और चौड़ाई 4.5 मीटर है। जोधपुर स्टोन से ओडिशा के 200 कारीगरों ने इसे 6 महीने में तराशा है।
सबसे ऊंची चंबल माता की प्रतिमा- रिवर फ्रंट के बैराज गार्डन में देश की सबसे ऊंची चंबल माता की मूर्ति लगाई गई है। ऊंचाई 42 मीटर है। इसे 20 मीटर पेडस्टल पर लगाया है। वियतनाम मार्बल से जयपुर में बनी इस प्रतिमा का वजन 20,800 क्विंटल है। इसे 1500 पीस में यहां लाया गया।

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