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भारत-इजराइल परमाणु घड़ी समेत हुए 7 समझौते, आतंक से निपटने पर जताई प्रतिबद्धता

यरुशलम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसराइल यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आतंक व कट्टरवाद पर भारत की चिंता से सहमति जताते हुए उससे मिलकर निपटने की प्रतिबद्धता प्रकट की। दोनों देशों ने जमीन से अंतरिक्ष तक सहयोग के सात अहम समझौतों पर भी दस्तखत किए।

इस दौरान इजराइल के पीएम ने भावुक अंदाज में कहा, भारत-इसराइल दोस्ती स्वर्ग में बनी है, जिसे धरती पर निभा रहे हैं। दोनों देश अपने सामरिक हितों की रक्षा करेंगे। आतंकी संगठनों व उनके प्रायोजकों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के पीएम को परिवार समेत भारत आने का न्योता दिया। जिसे नेतन्याहू ने मंच से ही स्वीकार भी कर लिया।

जमीन से अंतरिक्ष तक के सात समझौते

विज्ञान व प्रौद्योगिकी कोष : 259 करोड़ रुपए की लागत से द्विपक्षीय प्रौद्योगिकी नवोन्मेष कोष बनेगा। दोनों देश आधी-आधी राशि देंगे।

फायदा : दोनों देशों के वैज्ञानिक मिलकर अनुसंधान व विकास करेंगे। कई क्षेत्रों में इसराइली विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।

व्यापार व निवेश बढ़ाना : सशक्त साझेदारी के दम पर व्यापार व निवेश बढ़ाने के उपाय होंगे।

फायदा : भारत में इसराइली निवेश बढ़ेगा तो अधिक निर्यात भी किया जा सकेगा।

जल संरक्षण : इसराइल के नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी एंड वाटर रिसोर्सेस डिपार्टमेंट के साथ दो समझौते किए गए। एक भारत में इसराइल के सहयोग से जल संरक्षण अभियान चलाने का और दूसरा उप्र जल निगम के साथ जल व सफाई प्रबंधन का।

फायदा : इसराइल पानी की एक-एक बूंद बचाता है। टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) समेत कई अनूठी तकनीकें उसकी देन हैं। भारत को उनका लाभ मिलेगा।

कृषि : भारत-इसराइल विकास सहयोग मिलकर तीन साल 2018 से 2020 तक कार्यक्रम चलाएंगे।

फायदा : कृषि क्षेत्र में इसराइली तकनीकों से लाभ मिलेगा।

अंतरिक्ष : दो समझौते किए गए। एक इसरो व इसराइल स्पेस एजेंसी के बीच “परमाणु घड़ी” के संबंध में व दूसरा छोटे सैटेलाइट को ईंधन पहुंचाने के लिए जीईओ-एलईओ ऑप्टिकल लिंक के लिए।

फायदा : मिसाइलों, उपग्रहों, परमाणु अस्त्र-शस्त्रों के प्रक्षेपण के लिए परमाणु घड़ी एकदम सटीक समय व स्थिति बताएगी। इस घड़ी में 10 हजार साल में एक सेकंड का अंतर आता है। यह मौसम, वातावरण व गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से दूर रहती है। इससे जीपीएस व इंटरनेट की क्षमता बढ़ेगी।

“आई टू आई” और “आई फॉर आई”

पीएम मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति रिवेन रिवलिन से मुलाकात के बाद कहा कि दोनों देशों के नामों की शुरुआत “आई” से होती है। यह “आई टू आई” और “आई फॉर आई” है। इसका मतलब “इंडिया विद इसराइल और इंडिया फॉर इसराइल” है। यानी भारत इसराइल के लिए है और इसराइल भारत के लिए तथा भारत इसराइल के साथ और इसराइल भारत के साथ है।

मोदी महानतम नेता : रिवलिन

रिवलिन ने कहा, मोदी दुनिया के महानतम नेता हैं। दोनों देशों के बीच बहुत समानता है। मेक इन इंडिया के बारे में हम बहुत कुछ कर रहे हैं।

यरुशलम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसराइल यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आतंक व कट्टरवाद पर भारत की चिंता से सहमति जताते हुए उससे मिलकर निपटने की प्रतिबद्धता प्रकट की। दोनों देशों ने जमीन से अंतरिक्ष तक सहयोग के सात अहम समझौतों पर भी दस्तखत किए। इस दौरान इजराइल के पीएम ने भावुक अंदाज में कहा, भारत-इसराइल दोस्ती स्वर्ग में बनी है, जिसे धरती पर निभा रहे हैं। दोनों देश अपने सामरिक हितों की रक्षा करेंगे। आतंकी संगठनों व उनके प्रायोजकों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के पीएम को परिवार समेत भारत आने का न्योता दिया। जिसे नेतन्याहू ने मंच से ही स्वीकार भी कर लिया। जमीन से अंतरिक्ष तक के सात समझौते विज्ञान व प्रौद्योगिकी कोष : 259 करोड़ रुपए की लागत से द्विपक्षीय प्रौद्योगिकी नवोन्मेष कोष बनेगा। दोनों देश आधी-आधी राशि देंगे। फायदा : दोनों देशों के वैज्ञानिक मिलकर अनुसंधान व विकास करेंगे। कई क्षेत्रों में इसराइली विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा। व्यापार व निवेश बढ़ाना : सशक्त साझेदारी के दम पर व्यापार व निवेश बढ़ाने के उपाय होंगे। फायदा : भारत में इसराइली निवेश बढ़ेगा तो अधिक निर्यात भी किया जा सकेगा। जल संरक्षण : इसराइल के नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी एंड वाटर रिसोर्सेस डिपार्टमेंट के साथ दो समझौते किए गए। एक भारत में इसराइल के सहयोग से जल संरक्षण अभियान चलाने का और दूसरा उप्र जल निगम के साथ जल व सफाई प्रबंधन का। फायदा : इसराइल पानी की एक-एक बूंद बचाता है। टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) समेत कई अनूठी तकनीकें उसकी देन हैं। भारत को उनका लाभ मिलेगा। कृषि : भारत-इसराइल विकास सहयोग मिलकर तीन साल 2018 से 2020 तक कार्यक्रम चलाएंगे। फायदा : कृषि क्षेत्र में इसराइली तकनीकों से लाभ मिलेगा। अंतरिक्ष : दो समझौते किए गए। एक इसरो व इसराइल स्पेस एजेंसी के बीच “परमाणु घड़ी” के संबंध में व दूसरा छोटे सैटेलाइट को ईंधन पहुंचाने के लिए जीईओ-एलईओ ऑप्टिकल लिंक के लिए। फायदा : मिसाइलों, उपग्रहों, परमाणु अस्त्र-शस्त्रों के प्रक्षेपण के लिए परमाणु घड़ी एकदम सटीक समय व स्थिति बताएगी। इस घड़ी में 10 हजार साल में एक सेकंड का अंतर आता है। यह मौसम, वातावरण व गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से दूर रहती है। इससे जीपीएस व इंटरनेट की क्षमता बढ़ेगी। “आई टू आई” और “आई फॉर आई” पीएम मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति रिवेन रिवलिन से मुलाकात के बाद कहा कि दोनों देशों के नामों की शुरुआत “आई” से होती है। यह “आई टू आई” और “आई फॉर आई” है। इसका मतलब “इंडिया विद इसराइल और इंडिया फॉर इसराइल” है। यानी भारत इसराइल के लिए है और इसराइल भारत के लिए तथा भारत इसराइल के साथ और इसराइल भारत के साथ है। मोदी महानतम नेता : रिवलिन रिवलिन ने कहा, मोदी दुनिया के महानतम नेता हैं। दोनों देशों के बीच बहुत समानता है। मेक इन इंडिया के बारे में हम बहुत कुछ कर रहे हैं।

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