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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: चार साल में दुनिया में बढ़ा भारत का प्रभाव

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के पिछले चार वर्ष के कार्यकाल में जहां लोगों में देश की प्रगति के बारे में विश्वास जगा है, वहीं पूरी दुनिया में भारत का प्रभाव बढ़ा है।

मोदी ने यहां एक निजी टेलीविजन चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों में विश्वास जगा है कि 21वीं सदी का भारत अपनी कमजोरियों को छोड़कर, बंधनों को तोड़कर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह भरोसा सरकार के कामों से आ रहे परिवर्तनों को देखकर जगा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चार साल पहले लोगों में निराशा थी और हार, हताशा, निराशा का वातावरण देश को आगे नहीं ले जा सकता। उन्होंने कहा कि देश आज आगे बढ़ रहा है और ‘राइजिंग इंडिया’ ऐसी तस्वीर है जिस पर हर भारतीय को गर्व है।

मोदी ने कहा कि चार साल में दुनिया में भारत का प्रभाव बढ़ा है और पूरा विश्व भारत को सम्मान दे रहा है। अब भारत की ताकत को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सब सोची-समझी रणनीति के तहत काम करने से संभव हुआ है। पिछली सरकारों के समय एक साल में जितने बड़े नेता भारत आते थे अब उसके दोगुने राष्ट्राध्यक्ष और राष्ट्र प्रमुख यहां आ रहे हैं। वैश्विक स्तर पर देश की भूमिका भी बढ़ी है।

पिछले सप्ताह यहां संपन्न अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के स्थापना सम्मेलन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है। साठ देश इस गठबंधन में शामिल हुए हैं।

उन्होंने कहा कि हमने विभिन्न वैश्विक मंचों पर ऐसे मुद्दे उठाए हैं जो पूरी दुनिया का प्रभावित कर रहे हैं। इस संदर्भ में उन्होंने आतंकवाद, कालेधन और भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद सिर्फ एक देश की नहीं वैश्विक चुनौती है, इस बात को भारत ने ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित किया है। कालाधन के मुद्दे को भी भारत ने पूरे जोर-शोर से वैश्विक स्तर पर उठाया है।

मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया ने जहां वर्ष 2030 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है वहीं भारत ने इसके लिए 2025 का लक्ष्य रखा है और हम 2025 तक इसे समाप्त करके दिखा देंगे।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का ‘सबका साथ, सबका विकास’ देश की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है बल्कि हम वैश्विक विकास की बात करते हैं, आयुष्मान विश्व की बात करते हैं। यमन में जब आपदा आयी तो कई देशों ने उनके नागरिकों को निकालने के लिए भारत से मदद मांगी। हमने भारतीयों के साथ 48 देशों के नागरिकों को सुरक्षित निकालकर उनके देश पहुंचाया।

प्रधानमंत्री ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की प्रगति में भारत के बढ़ते योगदान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले तीन-चार साल में दुनिया की प्रगति को मजबूती प्रदान की है। वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीन प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाला देश दुनिया की अर्थव्यवस्था के विकास में सात गुना ज्यादा योगदान दे रहा है।

उन्होंने कहा कि विश्व में अब भारत के संदर्भ में आशा, विश्वास, भरोसे के साथ बात होती है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सूचकांक में भारत शीर्ष दो देशों में शामिल हो गया है। अंकटाड की रिपोर्ट में भी हमें एफडीआई के लिए पसंदीदा देशों में शामिल किया गया है जबकि पहले भारत को एफडीआई के मामले में प्रतिकूल माना जाता था।

कारोबार की आसानी की विश्व बैंक की रैंकिंग में तीन साल में हम 42 अंकों की छलांग लगा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर देश को दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित कर देगा।

अपनी सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के जरिये महिलाओं और युवाओं का सशक्तीकरण हो रहा है। अब तक 11 करोड़ लोगों को ऋण दिए जा चुके हैं जिनमें पांच लाख करोड़ रुपए का बिना गारंटी का ऋण जारी किया जा चुका है। इस साल के बजट में भी मुद्रा योजना के तहत तीन लाख करोड़ रुपए का ऋण देने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि विकास की मुख्य धारा में छूट गए लोग इस योजना के जरिये आगे बढ़ेंगे और ‘राइजिंग इंडिया’ का सपना साकार होगा। मोदी ने कहा कि अब तक पीछे रहे पूर्वी भारत को विकास की दौड़ में आगे ले जाने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं और दिल्ली को पूर्वी भारत के दरवाजे पर खड़ा कर दिया है।

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