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भारत और अमेरिका ने साफ तौर पर कहा- आतंकियों के ठिकाने खत्म करे पाक

भारत और अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान से स्पष्ट संदेश में कहा कि वह अपनी सरजमीन में सक्रिय आतंकवादी ढांचे को नष्ट करे। दोनों ही देशों ने इस पर जोर दिया कि देश के भीतर आतंकवादियों की पनाहगाह को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने यहां विस्तृत वार्ता के बाद कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में और विशेष रूप से अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे। टिलरसन बोले कि उन्होंने पाकिस्तानी नेतृत्व से कहा है कि वह आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे, क्योंकि उनकी क्षमता में इजाफा इस्लामाबाद में सरकार के लिए खतरा बन सकता है।
सुषमा के साथ संयुक्तरूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए टिलरसन ने कहा, आतंकवाद की पनाहगाह बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। सुषमा ने जोर दिया कि पाकिस्तान आतकंवादी अवसंरचनाओं को नष्ट करे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवादी समूहों की सहायता करने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाए। सुषमा और टिलरसन ने दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने और व्यापार संबंधों में बेहतरी सहित विभिन्न विषयों पर बातचीत की। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत की सेना के आधुनिकीकरण के लिए सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी मुहैया कराने को तैयार है। अमेरिका भारत के साथ लड़ाकू विमानों एफ-16 और एफ18 के सौदों पर चर्चा को लेकर काफी उत्साहित है। टिलरसन ने कहा कि भारत अमेरिका-अफगानिस्तान नीति के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है, और वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर उत्सुक हैं। सुषमा ने कहा कि उन्होंने एच-1बी वीजा मुद्दे पर चर्चा की और अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से अनुरोध किया कि भारतीयों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली कार्रवाई ना की जाए।

सुषमा स्वराज से बातचीत के बाद टिलरसन ने कहा कि भारत के सैन्य आधुनिकीकरण के लिए अमेरिका बेहतरीन रक्षा प्रौद्योगिकी मुहैया कराएगा। इनमें एफ-16 और एफ-18 युद्धक विमानों की आपूर्ति की पेशकश शामिल है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘प्रमुख शक्ति’ के रूप में भारत के उभरने का समर्थन करता है और भारत की सैन्य क्षमता को मजबूत बनाने के लिए अमेरिका का सहयोग जारी रहेगा।इस बीच रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने फिलीपीन में आसियन रक्षा मंत्रियों की बैठक से इतर अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। अधिकारियों ने यहां बताया कि बैठक में रक्षा और सुरक्षा सहयोग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
उधर भारत ने अमेरिका को सूचित किया कि उत्तर कोरिया के साथ उसका ‘न्यूनतम’ व्यापार है और प्योंगयोंग में छोटा-सा भारतीय दूतावास भी है जिसे वहां बने रहना चाहिए ताकि संवाद का कुछ जरिया बना रहे। सुषमा स्वराज और टिलरसन के बीच वार्ता के दौरान यह मुद्दा उठा । उत्तर कोरिया के साथ संबंधों पर भारत और अमेरिका के बीच बातचीत पर स्वराज ने कहा, हमारी दोनों मुद्दों – व्यापार घटाने और दूतावास बंद करने पर खुली चर्चा हुई। मैंने टिलरसन को बताया कि जहां तक व्यापार की बात है, यह कम हुआ है, वाकई घट गया है । यह न्यूनतम हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वहां हमारे दूतावास का आकार बहुत छोटा है। लेकिन वहां पर दूतावास है और मैंने टिलरसन को बताया कि हमारे कुछ मित्र देशों का दूतावास वहां रहना चाहिए ताकि संवाद का कुछ जरिया खुला रहे। स्वराज की यह टिप्पणी ऐसे मौके पर आई, जब अमेरिका अपने सहयोगियों को उत्तर कोरिया के साथ राजनयिक संबंध खत्म करने के लिए कह रहा है।

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