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क्‍या कमलनाथ सरकार पर मंडरा रहा है खतरा? दिग्विजय सिंह ने दिया ये जवाब

26 मार्च को होने जा रहे राज्‍यसभा चुनावों से पहले मध्‍य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर खतरा मंडराता दिख रहा है. कांग्रेस के चार विधायक और सरकार को समर्थन दे रहे चार निर्दलीय विधायकों ने बगावत का परचम लहरा दिया है. कांग्रेस ने मौजूदा सियासी संकट के लिए बीजेपी को जिम्‍मेदार ठहराया है. मध्‍य प्रदेश के वित्‍त मंत्री तरुण भनोट ने इस संबंध में कहा कि उनके विधायकों को हरियाणा के एक होटल में बंधक बनाकर रखा गया है.

इस संबंध में जब कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) से पूछा गया कि क्‍या मध्‍य प्रदेश की कांग्रेस सरकार के ऊपर संकट मंडरा रहा है तो उन्‍होंने कहा कि सरकार के ऊपर कोई खतरा नहीं है. हम सभी एकजुट हैं. कमलनाथ प्रेस से बात करेंगे. मैंने आपसे कहा है ना कि बिना प्रमाण के मैं कोई बात नहीं करता हूं. सरकार को कोई खतरा नहीं है.

इससे पहले दिग्विजय सिंह ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि शिवराज और नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस विधायकों को 25 से 35 करोड़ रुपये का ऑफर दे रहे हैं. दिग्विजय ने ये भी कहा था कि भाजपा मध्य प्रदेश को कर्नाटक समझने की गलती कर रही है, उन्हें नहीं पता कि मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक ईमानदार हैं. इसके बाद मंगलवार को एक बार फिर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए ये आरोप लगाए कि भाजपा ने कांग्रेस, सपा और बसपा विधायकों को दिल्ली पहुंचाना शुरू कर दिया है.

हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप
इसके बाद मंगलवार शाम को अचानक भाजपा उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली चले गए. दिग्विजय सिंह भी दिल्ली में थे. इससे मध्य प्रदेश का सियासी पारा और चढ़ गया. देर रात खबर आई कि भाजपा ने बसपा के 2, एक निर्दलीय और 6 कांग्रेसी विधायकों को गुरुग्राम के आईटीसी मराठा होटल में एकत्रित किया है.

इसके बाद मंगलवार देर रात ही भोपाल से कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह दिल्ली पहुंचे. जीतू पटवारी ने मीडिया को बताया कि जब तक वह जयवर्धन सिंह के साथ होटल पहुंचे, तब तक सभी विधायकों आईटीसी मराठा होटल से किसी अज्ञात स्थान पर शिफ्ट किया जा चुका था.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक मंगलवार रात करीब 2 बजे कुछ विधायक आईटीसी मराठा होटल से अपना सामान लेकर बाहर निकलते देखे गए. उसके बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने बुधवार सुबह एक बार फिर आरोप लगाया कि भाजपा नेता रामपाल सिंह, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, संजय पाठक कमलनाथ सरकार के विधायकों को पैसे बांटने के लिए जा रहे थे.

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