विदेश

कौशाम्बी। ठंड से तड़प कर गौ माताओं व अन्य पशुओं की हो रही मौत। पशु चिकित्साधिकारी द्वारा नही की जा रही कोई व्यवस्था।

कौशाम्बी। जहाँ एक तरफ योगी सरकार में गौमाता के महत्व एवं सुरक्षा की बात कही जा रही है वो शायद केवल कागजों पर और मौखिक ही दिखता है पर सच्चाई कुछ और है। उदाहरण स्वरूप डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का गृह जनपद कौशाम्बी है।जनपद में पशुओं के लिए ठंड से बचाव एवं पशु चिकित्सक का अभाव कई बेजुबान जानवरों जिसमें गाय भैसे आदि अचानक दम तोड़ दे रहे हैं। ग्रमीणों व पशु पालकों का कहना है कि आज तक सरकारी विभाग से पशुओं के लिए ठंड से बचाव हेतु कोई दिशा निर्देश और न ही कोई सहायता केंद्र बनाया गया है और न ही कभी पशु स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठंड से बचाव हेतु कोई उपाय किया जा रहा है। बस सरकार केवल गौ संरक्षण की बात व बड़े बड़े वादे कर रही है।गांवो में फर्जी पशु डॉक्टर हज़ारों रुपये इलाज के नाम पर रोज कमाते हैं परंतु पशुओं की जान चली ही जाती है। आजकल पशुओं कीमत भी काफी बढ़ जाने से पशु पालक बहुत चिंतित हैं जिनके पशु बीमार हो और जिनके पशुओं की मृत्यु हो जाती है। सरकार द्वारा ऐसी कोई न तो सहायता राशि दी जाती है। वर्तमान में पशुओं का पालन पोषण अत्यधिक कठिन होता जा रहा है।आज जनपद के एक पशु पालक राजेश्वर प्रसाद त्रिपाठी की दुधारू गौमाता ठंड से इलाज के अभाव में गोलोकवासी हो गयी। प्राप्त जानकारी के अनुसार ये अखिल विश्व गायत्री परिवार से जुड़े कौशाम्बी जनपद के वर्तमान दधीचि देहदानी स्व. रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी के सुपुत्र हैं। जिनके यहाँ गौमाता की सच्ची सेवा व संरक्षण की भावना दिखती है। कुछ माह पूर्व इनकी दो और गाय की सही इलाज न हो पाने से गोलोकवासी हो गयी। जनपद में ऐसे कई और पशु पालक हैं जिनके यहाँ भी लगातार जानवरों की ठंड से हो रही मृत्यु चिंता का विषय है।और गौमाता की मृत देह को ले जाने वालों का रेट लगभग एक हज़ार से डेढ़ हजार तक है जो वो राशि पशु पालकों को ही देना होता है। कम से कम मृत जानवरों को ले जाने की गाड़ी का सरकारी व्यवस्था निःशुल्क होनी चाहिए। निश्चित ही पशु विभाग को इसके लिए कोई मजबूत कदम उठाना पड़ेगा।

रिपोर्ट डॉ ज्ञानेश्वर त्रिपाठी कौशाम्बी

Related Articles

Back to top button