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चीन से बढ़ते तनाव को कैसे शांत कर सकता है भारत

जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में जी-20 सम्मेलन आज से शुरू हो रहा है, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोबारा आमने-सामने होंगे.
पिछली बार अस्ताना में दोनों नेताओं की मुलाक़ात के बाद मोदी ने ट्वीट किया था, ‘हमने भारत-चीन संबंधों और आगे संबंध सुधारने के बारे में बात की.’ तब वह निश्चित तौर पर इस बात से अनजान थे कि ठीक उसी वक़्त चीन की पीबल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) भूटान की संप्रभुता का हनन कर रही हैं.
चीन डोक लाँग से भूटानी सेना के कैंप ज़ोमेल्री तक 40 टन की सड़क बनाना चाहता है जो अकेले भारत-भूटान-चीन के कूटनीतिक त्रिकोण की परिभाषा बदल सकता है. इसी मक़सद से चीन ने पठारी क्षेत्र डोकलाम में सेनाएं भेजीं.
इसलिए मुमकिन है कि पिछली मुलाक़ात के बाद शुरू हुआ और चार हफ़्तों से जारी सरहदी झगड़ा मोदी और जिनपिंग की इस मुलाक़ात में भी उठे. हालांकि किसी को अपेक्षा नहीं है कि दोनों नेता मसले पर कोई अहम कामयाबी हासिल कर सकेंगे.

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