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ICC T20 World Cup 2007 Final: जानिए हरभजन के दिमाग में 3 छक्के खाने के बाद क्या आया था

भारत और पाकिस्तान के बीच इंटरनेशनल बॉर्डर पर ही नहीं बल्कि क्रिकेट के मैदान का तनाव भी सब जानते हैं. दोनों देशों के बीच इसी तनाव के चलते एक से बढ़कर एक बेहतरीन और रोमांचक मुकाबले खेले गए हैं. लेकिन जो रोमांच दोनों देशों की जनता ने 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में महसूस किया था, उसका शायद ही कोई जोड़ होगा.दोनों टीमों के बीच खेले जाने वाले क्रिकेट मैच किसी जंग से कम नहीं होते. ऐसे में जो क्रिकेटर खराब प्रदर्शन करता है, उसे अपने देश में सबसे बड़े विलेन का दर्जा मिलना तय होता है.

उस ऐतिहासिक मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम आखिरी ओवर में जोगिंदर शर्मा (Joginder Sharma) मैच जीतकर चैंपियन बनी थी. लेकिन इससे पहले एक पल ऐसा भी आया था, जब टीम इंडिया के हर फैन को लगा था कि वर्ल्ड कप ट्रॉफी भारतीय हाथों से खिसक गई है. ये पल था हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) का वो ओवर जिसमें तत्कालीन पाकिस्तानी कप्तान मिस्बाह-उल-हक (Misbah Ul Haq) ने 3 छक्के ठोककर एकबारगी मैच का रुख ही पलट दिया था और निश्चित हार के करीब पहुंच गई पाकिस्तानी टीम को जीत का ख्वाब दिखाना शुरू कर दिया था. इस ओवर में लगातार 3 छक्के खाने के बाद सबसे बड़े विलेन बनते दिख रहे हरभजन सिंह के दिमाग में क्या बात आई थी, इससे पर्दा इस दिग्गज भारतीय ऑफ स्पिनर ने 13 साल बाद उठाया है.

19 रन दिए थे भज्जी ने उस ओवर में

हरभजन सिंह उस मैच में 17वां ओवर फेंकने आए थे. उस वक्त पाकिस्तान को जीत के लिए 24 गेंद में 54 रन की जरूरत थी, जो उस जमाने के क्रिकेट स्टाइल की वजह से असंभव सा लक्ष्य दिखाई दे रहा था. लेकिन मिस्बाह ने भज्जी के उस ओवर में 19 रन ठोककर टीम को एकदम से जीत के करीब पहुंचा दिया था. मिस्बाह ने ओवर की पहली और इसके बाद 5वीं और आखिरी गेंद पर छक्के लगाए. इससे जरूरी लक्ष्य घटकर 18 गेंद में 35 रन रह गया और मैच पाकिस्तान के खाते में दिखाई देने लगा था.

किसी भी तरह ओवर खत्म करना चाहता था मैं
हरभजन सिंह ने एक क्रिकेट वेबसाइट के साथ बातचीत में कहा कि मेरे करियर में टेंशन देने वाले कुछ ही मैच हुए हैं. टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ यह फाइनल मैच उन मैचों में से एक था. हरभजन ने कहा, उस ओवर में पहला छक्का खाने के बाद मैं काफी प्रेशर में आ गया था. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या करना है. मैं बस अपना ओवर खत्म करना चाह रहा था. उन्होंने कहा, कोई भी बल्लेबाज आपको चौका या छक्का मार सकता है, लेकिन आपकी गेंदबाजी सही रहनी चाहिए. कई बार हम छक्का खाने से डर जाते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए.

भज्जी ने कहा कि मैं उस ओवर में मिस्बाह के खिलाफ भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनाई रणनीति आजमाना चाहता था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुझे ज्यादा से ज्यादा यॉर्कर गेंद फेंकने पर काफी सफलता मिली थी. जब मैंने यही तरीका मिसबाह के खिलाफ आजमाया तो ये रणनीति फेल हो गई. इससे मेरे ऊपर प्रेशर काफी बढ़ता गया. यही कारण है कि मैंने उस ओवर में काफी रन लुटा दिए थे.

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