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Budget 2023: वित्त मंत्री ने RBI के केंद्रीय बोर्ड को किया संबोधित, नए टैक्स रिजिम से मध्यम वर्ग को राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा है कि नए टैक्स रिजिम मध्यम वर्ग को अधिक फायदा मिलेगा। इस रिजिम के तहत उनकी जेब में अधिक पैसा बचेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा है कि नए टैक्स रिजिम मध्यम वर्ग को अधिक फायदा मिलेगा। इस रिजिम के तहत उनकी जेब में अधिक पैसा बचेगा। बजट के बाद रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सीतारमण ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि लोगों को सरकारी योजनाओं के जरिये निवेश के लिए प्रेरित किया जाए बल्कि उन्हें निवेश के संबंध में व्यक्तिगत निर्णय लेने का मौका दिया जाना चाहिए।

वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष से प्रभावी रियायती कर व्यवस्था के तहत तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा। तीन से छह लाख तक की आमदनी वालों को पांच प्रतिशत की दर से टैक्स का भुगतान करना होगा। छह से नौ लाख तक की आमदनी पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा।

जबकि नौ से 12 लाख की आमदनी पर 15 प्रतिशत की दर से आयकर देय होगा। 12 से 15 लाख की आमदनी पर 20 प्रतिशत जबकि 15 लाख से अधिक आमदनी वालों को 30 प्रतिशत कर का भुगतान करना पड़ेगा। वहीं नई टैक्स रिजिम के तहत सात लाख रुपये तक की सालाना आमदनी तक किसी टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।

अदाणी समूह के संकट पर एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, ‘भारतीय नियामक बहुत अनुभवी हैं और वे अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। नियामकों को इस मामले की जानकारी है और वे हर मामले की तरह इस मामले में भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।’

क्रिप्टो से जुड़ी परिसंपत्तियों को विनियमित करने पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारत एक आम ढांचा तैयार करने के लिए जी20 के देशों के साथ चर्चा कर रहा है। मूल्य वृद्धि पर एक सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति वर्ष 2023-24 में 5.3 प्रतिशत रह सकता है। अगर कच्चे तेल की कीमतें नरम रहती हैं तो इसमें और गिरावट आ सकती है।

दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के नियंत्रण में रहने के लिए कच्चे तेल की दर 95 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान लगाया है। कर्ज के मूल्य निर्धारण के बारे में दास ने कहा कि बाजार प्रतिस्पर्धा से कर्ज और जमा पक्ष पर दरें तय होंगी क्योंकि यह एक नियंत्रणमुक्त सेगमेंट रहा है।बजट के बाद रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सीतारमण ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि लोगों को सरकारी योजनाओं के जरिये निवेश के लिए प्रेरित किया जाए बल्कि उन्हें निवेश के संबंध में व्यक्तिगत निर्णय लेने का मौका दिया जाना चाहिए।

वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष से प्रभावी रियायती कर व्यवस्था के तहत तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा। तीन से छह लाख तक की आमदनी वालों को पांच प्रतिशत की दर से टैक्स का भुगतान करना होगा। छह से नौ लाख तक की आमदनी पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा।

जबकि नौ से 12 लाख की आमदनी पर 15 प्रतिशत की दर से आयकर देय होगा। 12 से 15 लाख की आमदनी पर 20 प्रतिशत जबकि 15 लाख से अधिक आमदनी वालों को 30 प्रतिशत कर का भुगतान करना पड़ेगा। वहीं नई टैक्स रिजिम के तहत सात लाख रुपये तक की सालाना आमदनी तक किसी टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।

अदाणी समूह के संकट पर एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, ‘भारतीय नियामक बहुत अनुभवी हैं और वे अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। नियामकों को इस मामले की जानकारी है और वे हर मामले की तरह इस मामले में भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।’

क्रिप्टो से जुड़ी परिसंपत्तियों को विनियमित करने पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारत एक आम ढांचा तैयार करने के लिए जी20 के देशों के साथ चर्चा कर रहा है। मूल्य वृद्धि पर एक सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति वर्ष 2023-24 में 5.3 प्रतिशत रह सकता है। अगर कच्चे तेल की कीमतें नरम रहती हैं तो इसमें और गिरावट आ सकती है।

दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के नियंत्रण में रहने के लिए कच्चे तेल की दर 95 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान लगाया है। कर्ज के मूल्य निर्धारण के बारे में दास ने कहा कि बाजार प्रतिस्पर्धा से कर्ज और जमा पक्ष पर दरें तय होंगी क्योंकि यह एक नियंत्रणमुक्त सेगमेंट रहा है।

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