पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले में सार्वजनिक क्षेत्र के ही यूनियन बैंक आॅफ इंडिया का भी 30 करोड़ डॉलर यानी करीब 1,915 करोड़ रुपए फंसा हुआ है। हालांकि यूनियन बैंक का दावा है कि उसका पैसा सुरक्षित है और वह इसे वसूल कर लेगी। गुरुवार देर रात शेयर बाजार को दी जानकारी में यूनियन बैंक ने कहा, ‘‘हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि बैंक ने पंजाब नेशलन बैंक को वचनबद्धता पत्रों (एलओयू) के दबले अपनी विदेशी शाखाओं के माध्यम से रिण सहयोग करता रहा है जिनके बारे में पता लगा है कि ये संदेश अनधिकृत स्विफ्ट संदेशों के माध्यम से जारी किए गए थे।’’
बैंक ने बताया कि जोखिम सहभागिता के तहत उसने एक्सिस बैंक से कुछ ‘बायर्स क्रेडिट’ (आयातक को विदेशी बैंक से प्राप्त अल्पकालिक उधार की सुविधा) भी खरीदी थी। इस तरह के सौदों के जरिए आयातक एक बैंक की ओर से जारी वचनबद्धता पत्र के आधार पर विदेश में देश के दूसरे बैंक की साखाओं से कर्ज हासिल करते रहते हैं। बैंक ने कहा कि इस मामले (पीएनबी धोखाधड़ी) में उसका भी 30 करोड़ डॉलर फंसा है। लेकिन बैंक का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है क्योंकि उसके पास दावे के लिए पूरे दस्तावेज हैं। बैंक को इस राशि के वापस मिल जाने का पूर्ण विश्वास है।
दूसरी तरफ, पंजाब नेशनल बैंक ने कहा है कि नीरव मोदी द्वारा 11,394.02 करोड़ रुपए की कथित धोखाधड़ी सामने आने के चार दिन बाद ही उसने भारतीय रिजर्व बैंक तथा सीबीआई को धोखाधड़ी की पहली सूचना दी। बैंक ने इस बारे में नियामकी खुलासा दस दिन बाद किया। उल्लेखनीय है कि शेयर बाजारों ने इस धोखाधड़ी मामले में बारे में बैंक से स्पष्टीकरण मांगा था। बैंक ने गुरुवार देर रात सारे घटनाक्रम का ब्यौरा दिया और बताया कि मोदी व उससे सम्बद्ध कंपनियों ने 1.77 अरब डालर मूल्य की फर्जी बैंक गारंटियों का इस्तेमाल भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से कर्ज लेने के लिए किया।