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समुद्र के रास्ते दुनिया की सैर पर निकलेगी 6 भारतीय महिला नौ सैनिक

नई दिल्ली । समंदर के रास्ते पूरी दुनिया की सैर करने का मिशन यानी 21600 नॉटिकल मील से ज्यादा की यात्रा. वह भी महज 55 फुट की एक छोटी सी नाव में सिर्फ हवाओं के भरोसे. ऐसे कठिन सफर की कल्पना ही रोमांचित कर देती है. मगर हौसला अगर आइएनएस तारिणी के क्रू जैसा हो और तैयारी भारतीय नौसेना की तो छह महिला अधिकारियों के लिए यह साहसिक सफर भी आसान काम बन सकता है.

महिला सैनिकों के इस दल ने PM मोदी से मुलाकात की.मोदी ने भारत की इन जांबाज़ नौसैनिक बेटियों को उनके साहसिक अभियान के लिए शुभकामनाएँ दीं और उनके साहस की प्रशंसा की.

भारतीय नौसेना की 6 महिला अधिकारी सितंबर के पहले हफ्ते में धरती का चक्कर लगाने यानी “सरकम नेविगेशन” के सफर पर रवाना होंगी. इस मिशन को नाविका सागर परिक्रमा नाम दिया गया है. यह मिशन एशिया में महिलाओं द्वारा समुद्री मार्ग से धरती का चक्कर लगाने का पहला प्रयास होगा. इस मिशन की तैयारी दो साल से चल रही है. टीम की कमान कमांडर वर्तिका जोशी के हाथ में होगी. उनके अलावा इस मिशन में उनकी साथी हैं लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, पी स्वाती, लेफ्टिनेंट एस. विजया देवी, बी ऐश्वर्या और पायल गुप्ता. इस टीम को कमांडर दिलिप ढोंढे ने तैयार किया है जो समुद्र के रास्ते धरती का चक्कर लगाने वाले पहले भारतीय थे. उनके बाद भारतीय नौसेना के ही अधिकारी कमांडर अभिलाष टॉमी ने अप्रैल 2013 में बिना रुके धरती की सुमद्र परिक्रमा का मिशन पूरा किया था.

कमांडर वर्तिका के मुताबिक उनकी टीम की योजना अगले आठ महीनों में इस मिशन को पूरा करने की है. आइएनएस तारिणी का सफर गोवा से शुरू होगा और गोवा में ही समाप्त होगा. इस दौरान वे चार जगह रुकेंगी जिसमें फ्रीमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनले (फॉकलैंड) और केप टाउन (साउथ अफ्रीका) शामिल हैं.

इस मिशन पर टीम ने रवानगी से पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस टीम से मुलाकात कर शुभकामनाएं दी. कमांडर वर्तिका जोशी के शब्दों में देश के प्रधानमंत्री से मुलाकात ही अपने आप में उत्साहवर्धक थी. साथ ही पीएम ने भरोसा दिया कि वह आइएनएस तारिणी की इस यात्रा के दौरान टीम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग या फेस टाइम के जरिए संवाद बनाए रखने का भी प्रयास करेंगे. साथ ही पीएम ने टीम से भारत की ताकत औऱ क्षमता का संदेश पूरी दुनिया में बताने को भी कहा.

भारतीय महिला सैनिकों के इस मिशन के लिए नौसेना ने कई खास इंतजाम भी किए हैं. भारतीय नौसेना के चीफ ऑफ पर्सनल वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावला के मुताबिक इस बारे में सभी देशों में मौजूद भारतीय दूतावासों, मित्र देशों की नौसेनाओं और निर्धारित रेस्क्यू ज़ोन्स को सूचित कर दिया है. साथ ही हर समय भारतीय नौसेना का कमांड सेंटर भी उनके संपर्क में रहेगा. साथ कि किसी आपात स्थिति के लिए भी योजना बनाई है.

कमांडर वर्तिका जोशी स्वीकार करती हैं कि इस मिशन में उनका हौसला और ट्रेनिंग ही हथियार है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि इस मिशन में महिला नौसेना अधिकारी अपने साथ कोई हथियार नहीं रखेगी.

मिशन की सदस्य लेफ्टिनेंट पी स्वाती बताती हैं कि ट्रेनिंग के दौरान ही उनकी शादी नौसेना के मरीन कमांडो से हुई. शादी से पहले वह पति से इस मिशन के बारे में करार कर चुकी थीं लेकिन ससुराल वालों को कुछ महीने पहले ही बताया. स्वाती आखों में चमक के साथ बताती हैं कि अब इस मिशन को लेकर उनके ससुराल वाले भी अब बहुत उत्साहित हैं.

इस मिशन पर निकालने से पहले इस टीम ने लंबा वक्त आइएनएस तारिणी पर बिताया. यह टीम के बीच एक बांड बनाने के लिए भी ज़रूरी था. वर्तिका बताती हैं कि एक छोटी से नौका में महीनों का समय बिताना भी एक चुनौती है. लिहाज़ा वो अपने साथ लैपटॉप, टीवी के अलावा कई फिल्में भी साथ ले जा रही हैं.

टीम के द्रोणाचार्य कमांडर ढोंढे बताते हैं कि उन्होंने अपनी प्रशिक्षुओं को हर हाल में मानसिक रूप से मजबूत रहने की सीख दी है. कामयाब मिशन के लिए उनका मंत्र यही है कि सबसे पहले अपनी नौका पर ध्यान दें, फिर अपना ख्याल रखें. इसके बाद किसी भी चुनौती का मुकाबला करना मुश्किल नहीं है.
आइएनएस तारिणी एक नजर में:
– वजन: 23 टन
– लंबाई: 17.1 मीटर
– मस्तूल की उंचाई: 21 मीटर (जल सतह से)
– पहली बार दुनिया का चक्कर लगानी वाली भारतीय नौका माधेही की तर्ज पर तारिणी को बनाया गया है.
– नौका का निर्माण गोवा में किया गया.
– नौका के सभी ट्रायल 30 जनवरी 2017 को तैयार हुए.
– भारतीय नौसेना में आइएनएस तारिणी को 18 फरवरी 2017 को शामिल किया गया.
– तारिणी सेटेलाइट संचार के आधुनिक उपकरणों से लैस है. साथ ही ​
– आईएनएस तारिणी के साथ महिला अधिकारियों की टीम पहले गोआ से पोरबंदर और फिर मॉरीशस तक का भी सफर कर चुकी है.

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