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अब कॉल सेंटर की नौकरियों पर नजर, अमेरिकी सांसद ने पेश किया बिल

वॉशिंगटन। अमेरिकी कांग्रेस में एक नया कानून पेश किया गया है जो विदेशों में स्थित कॉल सेंटर्स के कर्मचारियों को अपने स्‍थान का खुलासा करने और ग्राहकों को अमेरिका में सर्विस एजेंट के पास अपने कॉल को ट्रांसफर करने के लिए कहने का अधिकार प्रदान करेगा।

ओहिओ के सांसद शेरॉड ब्राउन द्वारा पेश किए गए इस कानून में उन कंपनियों की लिस्‍ट सार्वजनिक करने का भी प्रस्‍ताव है, जिन्‍होंने कॉल सेंटर्स के लिए जॉब को आउटसोर्स किया है और सरकारी अनुबंधों में उन कंपनियों को प्राथमिकता देने की बात कही गई है जिन्‍होंने कॉल सेंटर्स जॉब अपने ही देश में उपलब्‍ध कराए हैं।

यह कानून अमेरिकी ग्राहकों को इस बात का भी अधिकार देता है कि वह अपने कॉल को अमेरिका में भौतिकरूप से उपस्थित एजेंट के पास ट्रांसफर करने को कह सके। उन्‍होंने कहा कि बहुत लंबे समय से यूएस ट्रेड और टैक्‍स पॉलिसी ऐसे कॉरपोरेट बिजनेस मॉडल को बढ़ावा दे रही है, जिससे ओहियो में परिचालन बंद हो रहे हैं, रेनोसा, मेक्सिको या वूहान और चीन में उत्‍पादन स्‍थानांतरित हो रहा है।

कॉल सेंटर्स में जॉब विदेशों में स्‍थानांतरित करना बहुत आसान है। बहुत सी कंपनियों ने ओहियो में अपने कॉल सेंटर्स बंद कर दिए हैं और अब वे भारत और मेक्सिको में अपना कारोबार कर रही हैं। ब्राउन ने कहा कि आउटसोर्सिंग की निरंतर चिंता के बीच यंग्‍सटाउन की रेनी राउजर्स जैसी कर्मचारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ब्राउन ने राउजर्स से पिछले हफ्ते मुलाकात की थी। रेनी पिछले 13 वर्षों से यंग्‍सटाउन के एक कॉल सेंटर्स में काम कर रही थीं। बहुत से कंपनियों को अपने कस्‍टमर सर्विस स्‍टाफ के बिना परिचालन करने में परेशानी हो रही हैं।

अमेरिका में सबसे बड़ी कम्‍यूनिकेशंस और मीडिया लेबल यूनियन कम्‍यूनिकेंशस वर्कर्स ऑफ अमेरिका के एक अध्‍ययन के मुताबिक अमेरिकी कंपनियों के कॉल सेंटर जॉब के लिए भारत और फि‍लिपींस दो शीर्ष गंतत्‍व देश हैं। अमेरिकी कंपनियों ने इजिप्‍ट, साऊदी अरब, चीन और मेक्सिको में भी अपने कॉल सेंटर्स खोले हैं।

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