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किसानों का संबल बनी भावांतर भुगतान योजना

किसानों की जिन्दगी हमेशा मौसम की मेहरबानी पर निर्भर रहती है। ऐसे में हमेशा चिन्ताग्रस्त रहना किसानों की आदत बन गई थी। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने किसानों को इस चिन्ता से मुक्त कराने के लिये भावांतर भुगतान योजना लागू की है। यह योजना अब किसानों के जीवन का संबल बन गई है, अब किसान बेफिक्र होकर खेती-किसानी कर रहे हैं क्योंकि राज्य सरकार उनके साथ है। ऐसा मानने लगे हैं बड़वानी जिले के किसान बिसमिल्ला रहमान और मनीषा रवीन्द्र पटेल। बड़वानी जिले में खेतिया ग्राम के किसान बिसमिल्ला रहमान खटीक ने अपनी 90 क्विंटल मक्का की उपज भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत कृषि मंडी में बेची। मंडी में व्यापारी ने 955 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से इनकी मक्का की उपज खरीदी। भाव कम मिलने से मायूस हुए बिसमिल्ला। यह मायूसी मुख्यमंत्री की ओर से भावांतर राशि 21 हजार 224 रुपये सीधे बैंक खाते में मिलते ही खुशी में तब्दील हो गई। अब बिसमिल्ला निश्चिन्त होकर अगली फसल की तैयारी में लग गये हैं। खेतिया गांव में ही महिला किसान मनीषा पटेल दो हेक्टर भूमि पर खेती करती हैं। अभी तक खेती से किसी तरह गुजर-बसर हो जाता था लेकिन कर्जा पीछा नहीं छोड़ रहा था। इस बार मनीषा ने अपने खेत में मक्का बोया, 85 क्विंटल मक्का मिला तो भावांतर भुगतान योजना में पंजीयन करवाकर मंडी में 965 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेचा। अन्य जगहों से कम कीमत मिलने से परेशान थी। पानसेमल में महिला सम्मेलन हुआ, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे। मनीषा ने मुख्यमंत्री को अपनी व्यथा बताई। सरल हृदय मुख्यमंत्री ने पूरी प्रक्रिया के बाद मनीषा के बैंक खाते में भावांतर की राशि 18, 541 रुपये सीधे ट्रांसफर की, तब जाकर मनीषा चिन्ता मुक्त हुई। अब मनीषा पटेल खुशी-खुशी परिवार के साथ अगली फसल की तैयारी में लग गई हैं। भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में बड़वानी जिले के पंजीबद्ध 1008 किसानों को उनके खाते में एक करोड़ 21 लाख 78 रुपये की राशि अन्तरित की गई है। यह भावांतर राशि उन किसानों को मिली है जिन्होंने 16 से 31 अक्टूबर के बीच कृषि उपज मंडियों में अपनी फसल बेची है।

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