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शिक्षा का क्षेत्र सम्मान का, इसमें आउटसोर्स नहीं चलेगा : सीएम

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सुझाव देने बने समूह की शिक्षा के क्षेत्र में आउटसोर्स करने की सिफारिश को सिरे से खारिज कर दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने छत्तीसगढ़ में चल रहे प्रयोग को अपनाने की बात रखी थी।

इस पर सीएम ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आउटसोर्स नहीं चलेगा। शिक्षण का काम सम्मान का होता है। इस बारे में हम कोई बात नहीं करेंगे। दरअसल, प्रदेश के विकास का रोडमैप बनाने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के चौदह समूहों की सोमवार को मंत्रालय में बैठक हुई। इसमें उन्होंने अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री के सामने रखीं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह को इनका परीक्षण कर बताने के लिए कहा है।

सूत्रों के मुताबिक बैठक शुरू होने से पहले ही मुख्यमंत्री ने कह दिया कि यहां सिफारिशों पर कोई चर्चा नहीं होगी। करीब 15-15 मिनट में समूहों ने अपनी प्रस्तुतिकरण दिया। इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने सुझाव रखा कि स्कूल बनाने वाली कंपनियों द्वारा शिक्षा देने का काम भी किया जा रहा है। हम भी ऐसी संस्थाओं की सेवाओं को आउटसोर्स कर सकते हैें। छत्तीसगढ़ में यह प्रयोग चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक सम्मानजनक तरीके से पढ़ाता है। इस क्षेत्र में आउटसोर्स नहीं करेंगे।

इन्हें छूट दे दो, ये गिरफ्तार कर निपटारा कर लेंगे

सूत्रों के मुताबिक आतंकवाद मुक्त मध्यप्रदेश और आंतरिक सुरक्षा को लेकर समिति जब अपना प्रस्तुतिकरण दे रही थी तब स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा कि सोशल मीडिया में किसी विधायक का डांस वाला वीडियो मेरे नाम से डालकर मुझे बदनाम कर दिया। इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ऐसा करने वाले को पकड़ा और फिर 75 हजार रुपए के मुचलके पर छोड़ भी दिया।

इस पर जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा बोले कि पुलिस ने पकड़ा, तभी तो मुचलके पर छोड़ा गया। इस पर शाह ने कहा कि आप तो उन्हें मेरे हवाले कर दो। मैं ठीक करता हूं। राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने भी चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि इन्हें छूट दे दो। ये गिरफ्तार भी कर लेंगे और निपटारा भी कर लेंगे।

प्रशासकीय सुधार तुरंत लागू करें

मुख्यमंत्री ने सभी समूहों का प्रस्तुतिकरण होने के बाद कहा कि ऐसी सिफारिशें, जो सिर्फ प्रशासकीय सुधार से जुड़ी हैं, उन्हें तुरंत लागू किया जाए। जिन मामलों में वित्तीय प्रावधान करने हैं या फिर जो कानूनी मामले हैं, उनका परीक्षण किया जाए। इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वे टीम बनाकर परीक्षण करें और फिर निष्कर्ष बताएं।

इनका हुआ प्रस्तुतिकरण

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