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मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना का हुआ शुभारम्भ

रायसेन | मध्यप्रदेश में 16 अक्टूबर से मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना का शुभारम्भ हुआ। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को सागर जिले की खुरई कृषि उपज मण्डी परिसर में हुए राज्यस्तरीय कार्यक्रम में इस योजना का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह योजना राज्य सरकार की किसानों को सुरक्षा कवच देने वाली योजना है, जो प्रदेश के हर किसान के लिये वरदान साबित होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा दिये गये इस किसान सम्बोधन कार्यक्रम का प्रदेश की 257 कृषि उपज मण्डियों में हुए किसान सम्मेलनों में एलईडी टीवी के जरिये सीधा प्रसारण किया गया।
रायसेन कृषि उपज मण्डी प्रांगण में इस योजना के शुभारंभ अवसर पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह ने कहा कि किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना लागू की गई है। इस योजना के लागू होने से उपज के दाम समर्थन मूल्य से कम होने पर भी नुकसान नहीं होगा। चूंकि इस योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य के अंतर की राशि किसानों के खाते में जमा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हमेशा किसानों के साथ है। उनकी उन्नति और कृषि के विकास के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अनेक योजनाएं बनाई हैं। उनके कल्याणकारी योजनाओं का ही परिणाम है कि किसानों ने अथक परिश्रम किया और विगत कई वर्षो से प्रदेश को कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्राकृतिक आपदा में किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बनाई है। इसके साथ ही कृषि के विकास के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना सहित अन्य कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जनपदों में, सभी विकासखण्डों में कृषि संगोष्ठियां आयोजित की जा रही है जिसमें कृषि विशेषज्ञ कृषि की उन्नत तकनीक एवं खाद-बीजों के साथ ही कृषि आय को दोगुना करने के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
कार्यक्रम में कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने कहा कि मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों का पंजीयन किया गया है। इसके लिए 12 अक्टूबर को सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की गई और किसानों का भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत पंजीयन किया गया। उन्होंने कहा कि सभी विकासखण्डों में कृषक संगोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं, ताकि किसानों को खेती की नई तकनीकों के बारे में जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि कृषि आय को दोगुना करने के लिए भी बनाए गए रोडमेप के अनुसार कार्य किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में कृषि में उल्लेखनीय कार्य करने वाले किसानों को लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में रायसेन कृषि उपज मण्डी अध्यक्ष श्रीमती रामसखी बघेल, एसपी श्री जगत सिंह राजपूत, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री भंवरलाल पटेल, जिला भाजपा अध्यक्ष धमेन्द्र चौहान, जिला भाजपा महामंत्री श्री राकेश तोमर,।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के किसान सम्बोधन का किया गया सीधा प्रसारण
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का किसान सम्बोधन कार्यक्रम का एलईडी टीवी के जरिये सीधा प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के सभी किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के पडोसी राज्यों के फसलों के भावो का औसत निकालकर प्रदेश में बिक रही फसलों के औसत भाव से तुलना कर एक औसत दर निकाली जायेगी। इस औसत दर से कम दाम अगर किसान को कृषि उपज मण्डी में दिया जायेगा तो भाव के अन्तर की राशि सीधे किसान के खातो में जमा करा दी जायेगी।
उन्होने किसानों से अपील की कि वे मण्डी में फसल बेचने के बाद व्यापारियों से हमेशा पक्की रसीद प्राप्त करें और उसपर अपना पंजीयन नम्बर अवश्य लिखवायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान भाई अपनी सोयाबीन की फसल 31 दिसम्बर 2017 तक बेच सकते है, तभी उन्हें इस योजना का लाभ मिल सकेगा। जो किसान अपनी फसल नहीं बेचना चाहते है उनके लिये गोदाम भण्डारण अनुदान योजना प्रारम्भ की जायेगी। इस योजना में प्रतिमाह प्रति क्विंटल पर सात रूपये दिये जायेंगे। उन्होने कहा कि किसान भाई किसी भी प्राकृतिक आपदा की दशा में स्वयं को अकेला न समझें। हमारी सरकार हरदम, हरघडी किसानों के साथ खडी है। किसी को भी लाचार या बेबस नहीं रहने दिया जायेगा। सरकार किसानों को हर जरूरी मदद मुहैया करायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों से कहा कि ऐसे किसान जो कृषि से जुडे हुए उद्योग या व्यवसाय स्थापित करना चाहते हैं उन्हें कृषक युवा उद्यमी योजना के जरिये दस लाख से लेकर दो करोड रूपये तक का ऋणानुदान दिया जायेगा। उन्होने कहा कि अपने खेत में सोलर पंप लगाने के इच्छुक किसानों को मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के अंतर्गत पांच लाख रूपये तक का ऋणानुदान दिया जायेगा।
क्या है मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना
प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिये राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना लागू की गई है। योजना का उद्देश्य किसानों को कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित करना तथा मण्डी दरों में गिरावट से किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करना है। इस योजना में किसान द्वारा प्रदेश में अधिसूचित कृषि उपज मण्डी प्रांगण में चिन्हित फसल उपज बेचने पर राज्य सरकार द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर और केन्द्र द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि किसानों को भुगतान की जायेगी। खरीफ विपणन वर्ष-2017 में आठ प्रकार की फसलें यथा सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उडद एवं तुअर इस योजना के दायरे में आयेंगी।
मॉडल विक्रय दर मध्यप्रदेश और दो अन्य राज्यों की मॉडल दर का औसत
मॉडल विक्रय दर की गणना मध्यप्रदेश तथा दो अन्य राज्यों की मॉडल दर का औसत रहेगा। सोयाबीन के लिये दो अन्य राज्य महाराष्ट्र और राजस्थान, मूँगफली के लिये गुजरात और राजस्थान, तिल के लिये उड़ीसा और छत्तीसगढ़, रामतिल के लिये पश्चिम बंगाल और राजस्थान, मक्का के लिये कर्नाटक और महाराष्ट्र, मूँग के लिये राजस्थान और महाराष्ट्र, उड़द के लिये राजस्थान और उत्तरप्रदेश तथा तुअर के लिये महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों की मॉडल विक्रय दर ली जायेगी। योजना का लाभ पंजीकृत किसानों को मध्यप्रदेश में उत्पादित कृषि उत्पाद का विक्रय अधिसूचित मण्डी परिसर में करने पर ही मिलेगा।
योजना का लाभ जिले में विगत वर्षों की फसल कटाई प्रयोगों पर आधारित औसत उत्पादकता के आधार पर उत्पादन के सीमा तक दिया जायेगा। योजना में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ और मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा पात्र किसानों को भुगतान किया जायेगा। योजना में किसानों को देय राशि की गणना का प्रावधान किया गया है। इसके अनुसार यदि किसान द्वारा मण्डी समिति परिसर में बेची गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम परंतु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर से अधिक हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अंतर की राशि किसान के खाते में अंतरित की जायेगी। इसी तरह यदि किसान द्वारा मण्डी समिति परिसर में विक्रय की गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर से कम हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा मॉडल विक्रय दर की अंतर की राशि किसान के खाते में अंतरित की जायेगी।
लाइसेंसी गोदाम में उपज रखने पर अनुदान
योजना में पंजीकृत किसानों को उपयुक्त बाजार भाव पर उनकी उपज के विक्रय अवसर प्रदान करने और उचित समय पर फसल बेचने को प्रोत्साहित करने के लिये लाइसेंसी प्राप्त गोदाम में कृषि उपज रखने के लिये किसान को अनुदान दिया जायेगा। राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि भावान्तर भुगतान योजना में निर्धारित विक्रय अवधि के बाद तुअर के लिये एक मई से 30 अगस्त 2018 तक तथा सोयाबीन, मूँगफली, रामतिल, मक्का, मूँग और उड़द के लिये एक जनवरी से 30 अप्रैल 2018 तक अनुज्ञप्तिधारी गोदाम में कृषि उत्पाद रखे जाने पर गोदाम किराया किसानों को दिया जायेगा। योजना के क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग के लिये राज्यस्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तथा जिलास्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की जायेगी। मण्डी में विक्रय के बाद जारी किये जाने वाले अनुबंध पर्ची, तौल पर्ची और भुगतान पत्रक पर किसान का पंजीयन क्रमांक इंद्राज किया जायेगा। प्राप्त जानकारी भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर मण्डी समिति द्वारा दर्ज की जायेगी। सौदा पत्रक के माध्यम से क्रय-विक्रय किये गये कृषि उत्पाद योजना में पात्र नहीं होंगे।

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