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मुख्यमंत्री की कुर्सी पर 12 साल पूरे, बीजेपी के जश्न का NCRB की रिपोर्ट ने जायका बिगाड़ा

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सत्ता की कुर्सी पर आसीन होने के 12 साल पूरा होने के मौके पर सत्ताधारी पार्टी भले ही ’12 साल, बेमिसाल’ के नारे के साथ जश्न मना रही हो, लेकिन 30 नवंबर को राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की साल 2016 के लिए जारी की गई रिपोर्ट ने शायद इस जश्न का मजा किरकिरा कर दिया। वो भी बमुश्किल सिर्फ 24 घंटों के बाद जब चौहान ने ये उपलब्धि हासिल की जो उनके पहले उनका कोई भी पूर्ववर्ती मध्य प्रदेश के इतिहास में हासिल करने में सफल नहीं हो पाया था।
यही नहीं, यह रिपोर्ट गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह के उस बयान के 48 घंटों के भीतर सामने आई कि, ‘मध्यप्रदेश सरकार मध्यप्रदेश को हमारी लड़कियों के लिए भयमुक्त और सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, और सरकार राज्य में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाने के लिए हर संभव कोशिश करेगी।

सत्तारूढ़ दल के लिए यह मामला तब और बदतर तब हो गया जब तीन दिनों के गतिरोध के बाद विधानसभा स्पीकर डॉ. सीताशरण शर्मा ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर चर्चा के लिए विपक्षी कांग्रेस पार्टी की मांग को मान लिया।

गुरुवार को की गई मांग को शुक्रवार को चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया गया था। ये सब कुछ घंटों पहले ही हुआ था जब एनसीआरबी के आंकड़ों ने देश में अपराध की सूची में बलात्कार के मामले में मध्यप्रदेश को सबसे उपर रख दिया। इस परिदृश्य से सरकार में घबराहट फैल गई जिससे पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना पड़ा।

एनसीआरबी की रिपोर्ट ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर चर्चा के दौरान सरकार पर हमला करने के लिए विपक्ष को और ताकत दे दी। विपक्ष सरकार पर लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि सरकार प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षा देने में बुरी तरह से नाकाम रही है, जिसकी वजह से मध्यप्रदेश देश में बलात्कार की वारदातों की सूची में सबसे उपर बना हुआ है।

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