मुंबई: सस्ती विमानन सेवा देने वाली कंपनी एयर एशिया इंडिया का कहना है कि यदि सरकार इस उद्योग से नई कर व्यवस्था को वापस नहीं लेती है तो विमानन उद्योग को हर साल 400 करोड़ का नुकसान होगा.
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक अमर अबरोल ने कहा कि औसत आधार पर एक परिचालक कंपनी को अतिरिक्त शुल्क के तहत प्रति विमान 10-12 करोड़ देने होंगे जिसमें विमान के आयात पर लगने वाला 5प्रतिशत शुल्क भी शामिल है. इससे विमानन कंपनियों पर 400 करोड़ का अतिरिक्त कर बोझ आएगा.
लेकिन उन्होंने कहा कि एयर एशिया ने इस बोझ को ग्राहकों पर नहीं डालने का निर्णय किया है क्योंकि उसे उम्मीद है कि सरकार इस शुल्क को वापस ले लेगी.