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लोकसभा छोड़कर 11 सांसद पहुंचना चाहते हैं विधानसभा

भोपाल. सांसद बनने के बाद क्या कोई विधायकी का ख्वाब देखता है? जवाब होगा नहीं, लेकिन मध्यप्रदेश में स्थिति इसके उलट है। 2014 में मोदी लहर में चुने गए मध्यप्रदेश के ११ सांसद ने पार्टी स्तर पर अपनी इच्छा जताई है कि वे 2018 में विधानसभा का चुनाव लडऩा चाहते हैं।

आमचुनाव 2014 में मप्र की 29 सीटों में से 27 पर भाजपा ने फतह हासिल की थी। इसमें से दो सांसदों के निधन के बाद उपचुनाव हुए थे। रतलाम-झाबुआ सीट पर भाजपा सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया जीते थे। शहडोल भाजपा सांसद दलपत सिंह परस्ते के निधन के बाद हुए उपुचनाव में प्रदेश सरकार के मंत्री ज्ञानङ्क्षसह जीतकर लोकसभा में पहुंचे थे। भाजपा को मिले बहुमत में कई प्रत्याशी जीत गए थे, लेकिन इस बार आसार उल्टे नजर आ रहे हैं।

इन्होंने जताई विधायक बनने की इच्छा

आलोक संजर: भोपाल सांसद मध्य सीट से विधानसभा चुनाव लडऩा चाहते हैं।
सुधीर गुप्ता : मंदसौर से सांसद बने। अब मंदसौर या नीमच से विधानसभा चुनाव लडऩा चाहते हैं।
चिंतामन मालवीय : घटिया, तराना आलोट विधानसभा सीट पर जगह तलाश रहे हैं।
अनूप मिश्रा : मुरैना सांसद फिर से ग्वालियर शहर की किसी विधानसभा सीट पर चुनाव लडऩे की इच्छा रखते हैं।
जनार्दन मिश्रा : रीवा सांसद। अब जिले की सेमरिया से विधायक बनना चाहते हैं
उदयप्रताप सिंह : कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए, होशंगाबाद से सांसद बने, अब विधायक की दौड़ में हैं।
मनोहर ऊंटवाल : देवास-शाजापुर के सांसद अब आलोट या आगर से विधायक बनने की आस में ।
रीति पाठक : सीधी की सांसद, अब विधायक बनना चाहती हैं
ज्ञान सिंह : उपचुनाव में लोकसभा पहुंचे, फिर से विधायक बनना चाहते हैं, ताकि मंत्री बन सकें।
रोडमल नागर : राजगढ़ के सांसद, मोदी लहर में जीते, अब विधायकी की दौड़ में।
सुभाष पटेल : खरगौन के सांसद है,ं लेकिन नजर २०१८ में विधानसभा में पहुचने पर है।
ये चाहते हैं पुत्रों को मिले टिकट
दो सांसद अपनी उम्र के कारण अगला चुनाव नहीं लडऩा चाहते है, लेकिन अपने पुत्रों को विधायक को टिकट दिलाना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन अब रिटारयमेंट चाहती हैं।

उनकी इच्छा है कि उनके पुत्र मंदार महाजन इंदौर की किसी सीट से टिकट दिया जाए। सागर के सांसद लक्ष्मी यादव की इच्छा है कि उनके पुत्र सुधीर यादव को सुरखी, बंडा या सिंरोज में से किसी एक सीट से विधायक का टिकट दिया जाए। पन्ना-खजुराहो के सांसद नागेंद्र सिंह भी सांसद का चुनाव नहीं लडऩे की इच्छा जता चुके हैं।

पार्टी ने मुझे सांसद बनाया है, अब आगे जो भी काम पार्टी देगी मैं करूंगा। मैं तो कार्यकर्ता हूं, हर काम करने को तैयार हूं।
– आलोक संजर, सांसद भोपाल

मेरा संसद में परफार्मेंस बहुत अच्छा है, लेकिन पार्टी कहेगी तो विधायक का चुनाव लड़ सकता हूं।
– चिंतामन मालवीय, सांसद उज्जैन

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