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मुख्‍यमंत्री भावांतर भुगतान योजना का लाभ 16 अक्‍टूबर से मिलेगा – कलेक्‍टर

मुख्‍यमंत्री भावांतर भुगतान योजना का लाभ कृषकों को 16 अक्‍टूबर 2017 से प्राप्‍त होगा। योजनान्‍तर्गत किसानों का पोर्टल पर नि:शुल्‍क पंजीयन 11 अक्‍टूबर तक किया जायेगा। यह पंजीयन जिले के गेहूँ खरीदी केन्‍द्रों पर किये जा रहे है। साथ ही साइबर कैफे या जिन किसानों के पास इंटरनेट की सुविधा है वे इसका उपयोग कर सकते है। पंजीयन के बाद कृषकों को कम्‍प्‍यूटराज्‍ड रसीद प्राप्‍त होगी। इस आशय के विचार कलेक्‍टर श्री बी.एस.जामोद द्वारा मंगलवार को आयोजित कलेक्‍ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित मुख्‍यमंत्री भावांतर भुगतान योजनान्‍तर्गत गठित जिला स्‍तरीय क्रियान्‍वयन समिति की बैठक के दौरान व्‍यक्‍त किये। बैठक में उप संचालक कृषि श्री एस.एस.मरावी, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री जी.एस.राजपूत, कृषि वैज्ञानिक गुप्‍ता, समिति के सदस्‍यगण उपस्थित थे।
कलेक्‍टर श्री जामोद ने निर्देशित किया कि मुख्‍यमंत्री भावांतर भुगतान योजनान्‍तर्गत अधिक से अधिक योजना का पंजीयन कराया जाए। साथ ही योजना के संबंध में व्‍यापक प्रचार प्रसार कर कृषकों को योजना के लाभ के बारे में बताया जाए। उन्‍होंने योजना के सफल क्रियान्‍वयन हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्‍यक निर्देश दिए।
आठ फसलें अधिसूचित
मुख्‍यमंत्री भावांतर योजनान्‍तर्गत आठ फसलें सोयाबीन, मूगंफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उडद, तुअर के लिए भावांतर योजना लागू की गई है। योजनांतर्गत राज्य शासन के द्वारा मध्यप्रदेश के किसानों को उचित मूल्य प्रदान करने के लिए पायलट आधार पर खरीफ 2017 के लिए किसान द्वारा अधिसूचित फसल कृषि उपज मंडी समिति के प्रागंण में विक्रय किए जाने पर राज्य शासन द्वारा विहित प्रक्रिया अपनाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा घोषित मंडियों की माडल विक्रय दर के अंतर की राशि को ‘‘भावांतर भुगतान योजना‘‘ अंतर्गत किसान के बैंक खाते में जमा किया जाएगा। योजना का लाभ उन्‍ही किसानों को मिलेगा जो 11 सितम्‍बर से 11 अक्‍टूबर तक अपना ऑनलाईन पंजीयन करायेगें। उन्‍हें आधार नंबर भी देना होगा। इन फसलों के लिए विक्रय अवधि एवं मॉड्यल विक्रय दर तय की जायेगी। तुअर को छोड शेष फसलों की विक्रय अवधि 16 अक्‍टूबर से 15 दिसम्‍बर होगी। तुअर की विक्रय अवधि 01 फरवरी से 30 अप्रैल होगी।
पंजीयन हेतु दस्‍तावेज अनिवार्य
पंजीयन हेतु किसान स्वयं का आधार कार्ड, समग्र आईडी, भू-ऋण पुस्तिका, बैंक पासबुक आदि की फोटो कापी, मोबाईल नंबर अनिवार्यतः साथ में लेकर अपना पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
जिलेवार औसत उत्‍पादकता
भावांतर भुगतान योजना हेतु जिलेवार औसत उत्‍पादिकता निर्धारित की गई है। अशोकनगर जिले में सोयाबीन की औसत उत्‍पादकता एक हेक्‍टेयर में 14 क्विटंल 87 किलो, उड़द की औसत उत्‍पादकता 04 क्विटंल 83 किलो, मक्‍का की औसत उत्‍पादकता 15 क्विटंल 87 किलो तथा मूंग की उत्‍पादकता 04 क्विटंल 43 किलो निर्धारित की गई है।

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