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बैंकर्स अनावश्यक रूप से नातो ऋण प्रकरण अटकाएं और नाहीं आपत्ति लगाकर वापस करें – कलेक्टर

कलेक्टर श्री राजेश जैन ने बैंकर्स से साफ शब्दों में कहा है कि वे रोजगारमूलक योजनाओं के ऋण प्रकरण अनावश्यक रूप से ना तो अटकाएं और नाहीं आपत्ति लगाकर वापस करें, अन्यथा उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने यह बात यहां सम्पन्न हुई जिला स्तरीय सलाहकार एवं समीक्षा समिति की बैठक में ऋण प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कही। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री कैलाश वानखेड़े, लीड बैंक प्रबंधक श्री विनोद जैन समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं बैंकर्स उपस्थित थे।
कलेक्टर ने बैंकर्स से कहा कि रोजगारमूलक योजनाओं के विभागों से जुड़े अधिकारियों द्वारा बैंकों को दुगनी संख्या में ऋण बनाकर भेजे जा रहे हैं। उन्हें उनमें से जो प्रकरण ठीक लगे, उन्हें मंजूर कर ऋण राशि का वितरण करना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने बैंकर्स से कहा कि वे यह ना सोंचे कि वे ऋण प्रकरण नहीं लेंगे, तो कार्रवाई से बच जाएंगे। उनके विरूद्ध कार्रवाई अवश्य की जाएगी।
कलेक्टर ने बैंकर्स से कहा कि उन्हें अधिकारियों की ओर से यह शिकायतें प्राप्त नहीं होनी चाहिए कि बैंकर्स द्वारा रोजगारमूलक इकाइयों के प्रकरण लेने में या मंजूर करने में हीलाहवाली दी जाती है। कलेक्टर ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के ऋण प्रकरणों को मंजूर किए जाने में भी हीला हवाली दिए जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इनके प्रकरण प्राथमिकता से मंजूर कर वितरित किए जाएं। कलेक्टर ने कहा कि जो लोग स्वावलम्बी बनने के लिए काम करना चाहते हैं, उनके ऋण प्रकरणों में प्राथमिकता से ऋण दिलवाए जाएं।
कलेक्टर ने छोटे-मोटे रोजगार धंधे शुरू करने तथा लघु उद्योग स्थापित करने के लिए जरूरतमंदों को तत्परता से ऋण देने के बैंकर्स को निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बड़ी संख्या में बन रहे मकानों के निर्माण में काम आने वाले मटैरियल को दृष्टिगत रखते हुए सेंटिंग मटैरियल आदि के स्वरोजगार के प्रकरणों में तत्परता से ऋण दिलवाने के बैंकर्स को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सब्जी ठेले या छोटी-छोटी दुकानें शुरू करने के लिए भी तत्परता से जरूरतमंदों को ऋण दिया जाए।
कलेक्टर ने इस बात पर नाराजगी जताई कि ऋण प्रकरणों में बैंकों को अनुदान उपलब्ध कराने के बावजूद वे हितग्राहियों को समय पर ऋण वितरित नहीं करते हैं। कलेक्टर ने साफ शब्दों में कहा है कि ऐसे प्रकरणों में बगैर विलंब किए हितग्राहियों को ऋण मुहैया कराया जाए। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में आदिवासी वर्ग के ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें काम की जरूरत है, जिसके लिए उन्हें ऋण की जरूरत रहती है। बैंकर्स उन्हें तत्परता से ऋण उपलब्ध कराएं। कलेक्टर ने कहा कि अनावश्यक रूप से हितग्राहियों को ऋण देने हेतु परेशान ना किया जाए।
बैंकर्स द्वारा ध्यान आकर्षित कराए जाने पर कलेक्टर ने आमलोगों से अपील कि यदि कोई व्यक्ति फोन पर यह बोलकर कि वह बैंक से बोल रहा है और किसी बहाने से उनका ए.टी.एम. पासवर्ड या आधार नम्बर के बारे में पूछता है, तो उसको इनके बारे में कतई ना बताएं, क्योंकि बैंकों द्वारा आमलोगों से फोन पर इस तरह की जानकारी नहीं ली जाती। ऐसे व्यक्ति फर्जी होते हैं, जिनसे बचा जाए। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने कुछ बैंकों की ओर से ऋण प्रकरण मंजूर करने या ऋण वितरण में आ रही कठिनाइयों की ओर कलेक्टर का ध्यान आकर्षित कराया।

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