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विधवा पेंशन में बीपीएल का बंधन होगा खत्म

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधवा पेंशन के लिए अब बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) का बंधन नहीं होगा। आयकरदाता महिला को छोड़कर सभी विधवा पेंशन के दायरे में आएंगी। इस योजना को लागू करने पर सरकार के ऊपर पांच सौ करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा।

वहीं, विधवा विवाह होने पर दो लाख रुपए देने की योजना लागू की जाएगी। इसमें करीब 20 करोड़ रुपए का आर्थिक भार आ सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा रेडियो कार्यक्रम ‘दिल से’ में की। साथ ही महिलाओं को पुलिस आरक्षक भर्ती में ऊंचाई में छूट देने का एलान भी किया।

मप्र में अभी 40 से 79 साल की विधवाओं को 300 स्र्पए प्रतिमाह और 80 साल की उम्र से ज्यादा की महिलाओं को 500 स्र्पए प्रतिमाह की पेंशन दी जाती है। करीब 9 लाख 50 हजार महिलाएं इस योजना के दायरे में हैं। सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बीपीएल कार्डधारी का बंधन खत्म करने के बाद करीब पांच से सात लाख महिलाएं योजना के दायरे में आ सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने आदिवासी बहुल्य विकासखंडों में सेनेटरी नेपकिन आधी कीमत पर उपलब्ध कराने, पुलिस आरक्षक भर्ती में महिलाओं को ऊंचाई सहित शारीरिक मापदण्ड में छूट देने और सरकारी सेवा में काम कर रहे पति-पत्नी को एक ही स्थान पर पदस्थ करने की घोषणा भी की।

उन्होंने कहा कि मां-बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य के लिये प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरू हो रही है। उन्होंने कहा कि बलात्कारियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए विधानसभा में जल्द ही सख्त कानून बनाने का प्रस्ताव लाया जाएगा। इसमें छेड़छाड़ के अपराध के लिए 10 साल के सश्रम कारावास का प्रावधान भी कराया जाएगा। स्कूल और सिटी बसों में छेड़छाड़ की घटना को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगी बसों को ही परमिट दिए जाएगा।

उन्होंने कहा कि बलात्कार के प्रकरणों में सरकारी वकील को सुने बिना जमानत की याचिका पर विचार नहीं करने का प्रावधान भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों को माइक्रो फाइनेंस कार्य के लिए सरकार से मैचिंग ग्रांट की सीमा एक करोड़ से घटाकर 50 लाख स्र्पए की जाएगी। इसके साथ ही स्व-सहायता समूहों को 3 लाख स्र्पए तक की सीमा तक 3 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान मिलेगा।

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