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दो मंत्री अस्वस्थ, फिर गर्माया विधानसभा के वास्तुदोष का मुद्दा

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट के दो मंत्री इन दिनों मुंबई में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार की बायपास सर्जरी हुई है। वहीं जेल मंत्री कुसुम सिंह महदेले को मुंबई स्थित हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हर्ष सिंह भी कुछ महीने पहले ब्रेन हैमरेज के बाद से स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। मंत्रियों की सेहत में आ रही गिरावट से एक बार फिर विधानसभा के वास्तुदोष का मुद्दा गर्मा रहा है। दबी जुबान में राजनेता इसके लिए वास्तुदोष को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, हालांकि जानकार इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। गौरतलब है कि मिंटो हॉल के बाद अगस्त 1996 में विधानसभा नए भवन में शिफ्ट हुई थी।

चार्ल्स कोरिया की डिजाइन

भोपाल के अरेरा हिल्स पर बनी मध्यप्रदेश विधानसभा की खूबसूरत इमारत की डिजाइन भारत के सबसे बड़े आर्किटेक्ट चार्ल्स कोरिया ने दी थी। वास्तु के जानकार कहते हैं कि कोरिया ने डिजाइन बनाते समय वास्तु पुरुष मंडल के सिद्धांत को अपनाया था, जो ऊर्जा पैदा करने वाला माना जाता है।

विजयवर्गीय ने भी उठाया था मुद्दा

प्रदेश सरकार के लंबे समय तक मंत्री रहे कैलाश विजयवर्गीय ने भी विधानसभा के वास्तुदोष के मुद्दे को उठाया था। पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए उन्होंने वास्तुशास्त्रियों से विधानसभा के वास्तु की जांच करवाने की बात कही थी। अक्टूबर 2016 में उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था कि ‘नए विस भवन में गतिविधियां शुरू होने के बाद से विधायकों की असामयिक मौत का सिलसिला जारी है। यह केवल संयोग है या वास्तुदोष या फिर कुछ और?”

कई बार हो चुकी पूजा

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के शासनकाल में भी तत्कालीन विस अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी ने वास्तुशांति के लिए पूजा और यज्ञ करवाया था। इसका विरोध भी हुआ था। इसके बाद ईश्वरदास रोहाणी ने भी वास्तुदोष दूर करने के लिए पूजा करवाई थी। वास्तुदोष के चलते ही प्रांगण में लगी नर्मदा की मूर्ति और फव्वारा भी हटा दिया गया था।

आर्किटेक्ट नहीं मानते वास्तुदोष

इधर आर्किटेक्ट विधानसभा भवन में वास्तुदोष से इनकार करते हैं। भोपाल के प्रख्यात आर्किटेक्ट अजय कटारिया कहते हैं कि वास्तु कोई साइंस नहीं और 21वीं सदी में ऐसी बात करना ठीक नहीं। वे कहते हैं कि चार्ल्स कोरिया की डिजाइन पर यह बनी बिल्डिंग बेहद खूबसूरत है और इसे किसी दोष से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

दोष तो है

भाजपा के ही विधायक केके श्रीवास्तव कहते हैं कि इसे रूढ़ीवाद अंधविश्वास से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। वास्तुशास्त्र वैज्ञानिक तथ्यों से मेल खाता है। वास्तुदोष भी होता है और विधानसभा का वास्तुदोष दूर कराया जाना चाहिए।

बेमानी हैं ऐसी बातें

मप्र विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवानदेव इसराणी कहते हैं कि वास्तुदोष की बात बेमानी है। हम लोगों ने 20 साल से ज्यादा नौकरी वहीं की पर कभी महसूस नहीं हुआ। इसका सर्वाधिक असर तो वहां ज्यादा समय देने वालों पर ही होना चाहिए। इस भवन में नौ गेट हैं, जिससे वायु और प्रकाश का सीधा संचार होता है। यहां पश्चिम से पूर्व दिशा में एयरटनल है जो किसी भी राज्य की विधानसभा में नहीं है।

अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेताप्रतिपक्ष नहीं रहे

तेरहवीं विस (2008-2013) में तत्कालीन अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी (नवंबर 2013), उपाध्यक्ष हरवंश सिंह (मई 2013) और नेता प्रतिपक्ष (2010) सहित छह लोगों का निधन हो गया था। चौदहवीं विस (2013-2018) में भी अब तक नेता प्रतिपक्ष रहे सत्यदेव कटारे और लोकलेखा समिति के सभापति महेंद्रसिंह कालूखेड़ा सहित आठ सदस्यों का निधन हो गया।

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