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ट्रंप को सेना की नाराजगी चुनाव में पड़ सकती है भारी, अमेरिकी सैनिको को ‘लूजर’ कह कर फंसे ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर अब चुनावों की हवा बदलता नज़र आ रहा है. ट्रंप के बारे में इस खुलासे के बाद डेमोक्रेट पार्टी ने रिपब्लिकन पार्टी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है.इस दावे के मुताबिक 2018 में फ्रांस यात्रा के दौरान ट्रंप ने बारिश का बहाना बनाकर प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के स्मारक पर जाने से इनकार कर दिया था. ट्रंप इतने पर ही नहीं माने उन्होंने सैनिकों को लूजर यानी हारा हुआ कहा और एक गाली भी दी थी.

डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मेदवार जो बिडेन ने रविवार को कहा कि मेरा बेटा इराक में तैनात था, उसकी मौत कैंसर से हुई. लेकिन वो लूजर या हारा हुआ नहीं था. हालांकि व्हाइट हाउस ने इस स्टोरी को बेबुनियाद बताते हुए इसका खंडन कर दिया है.

बिडेन के इस बयान के बाद रिपब्लिकन खेमे में हंगामा मच गया और ट्रंप ने एक के बाद एक कई प्रेस कांफ्रेंस कर इस मुद्दे पर सफाई दी. डेमोक्रेट ने इसे सेना की प्रतिष्ठा का मुद्दा बना दिया है जिसके बाद कई पूर्व आर्मी अफसरों और सैनिकों की प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गयी है. उधर द अटलांटिक के एडिटर जेफ्री गोल्डबर्ग ने CNN से कहा कि ये सिर्फ शुरुआत है अभी वे ट्रंप से जुड़े कई और बड़े खुलासे करने जा रहे हैं.

बिडेन ने कहा कि ट्रंप लंबे वक्त से सेना और सैन्य परिवारों को दरकिनार करते रहे हैं. उनका अपमान किया गया. अगर आर्टिकल सही है तो ट्रंप राष्ट्रपति बनने लायक नहीं हैं. पूर्व सैनिकों के एक संगठन ने इराक और अफगानिस्तान में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए महज पांच घंटे में एक लाख डॉलर जुटा लिए थे औत ट्रंप उन्हें हारा हुआ कह रहे हैं.

डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपने उन नेताओं को मैदान में आगे कर दिया जो कभी फौज का हिस्सा रहे हैं. सीनेटर टैमी डकवर्थ, पीट बुटीगिग और के आलावा रिटायर्ड सैनिकों ने ट्रंप को लेकर हुए खुलासे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. डेमोक्रेट पार्टी के 70 वर्तमान या पूर्व सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप को खुला पत्र लिखकर उनसे माफी मांगने को कहा है.

उधर ट्रंप के कैम्पेन ने फेसबुक पर कहा- हमने आतंकवादियों का खात्मा किया. मिलिट्री को फिर से मजबूत बनाया और पूर्व सैनिकों के लिए काम किया. एक सर्वे में सामने आया है कि मिलिट्री बैकग्राउंड वाले 80 फीसदी लोग ट्रंप की योजनाओं से सहमत हैं. रिपब्लिकन और पूर्व सैनिक फ्रेड वेलमैन कहते हैं- बुजुर्गों के वोटों में 10 फीसदी अंतर भी बहुत ज्यादा हो जाएगा. सैन्य अफसरों और सैनिकों में भी कुछ ऐसे हैं जिनको अब ट्रंप पर भरोसा नहीं.

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