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व्हाइट हाउस देखगा कि उत्तर कोरिया बातचीत को लेकर गंभीर है या नहीं’

वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस का कहना है कि वह अभी यह देखेगा कि उत्तर कोरिया के अमेरिका के साथ बातचीत के नए प्रस्ताव का अभिप्राय परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर गंभीर होने से है या नहीं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दूसरे देशों के नेता मानते हैं कि उत्तर कोरिया का यह प्रस्ताव भविष्य में होने वाली बातचीत का आधार हो सकता है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने बातचीत के संबंध में किए एक सवाल पर कहा, ‘हम देखेंगे.’ सारा दक्षिण कोरिया में जारी शीतकालीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने अमेरिकी प्रतिनिधि दल के साथ सोमवार (26 फरवरी) को कोरियाई प्रायद्वीप में मौजूद हैं. प्रतिनिधि दल का नेतृत्व ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप कर रही हैं.

सारा ने कहा कि ट्रंप प्रायद्वीप के ‘पूर्ण, सत्यापित एवं अपरिवर्तनीय परमाणु निरस्त्रीकरण’ को लेकर प्रतिबद्ध रहेंगे और उत्तर कोरिया के अपने परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों को पूरी तरह समाप्त करने तक उसके खिलाफ ‘अधिकतम दबाव बनाने का अभियान’ जारी रखेंगे.

दबाव अभियान के तहत पिछले सप्ताह ट्रंप ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाए थे. खेल समापन समारोह के दौरान दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने घोषणा की थी कि ओलंपिक में आए उत्तर कोरियाई के प्रतिनिधि दल का कहना है कि उनका देश अमेरिका के साथ बातचीत करना चाहता है.

सारा ने एक लिखित बयान में कहा, ‘हम देखेंगे कि क्या प्योंगयाग का बातचीत की इच्छा जाहिर करने वाला संदेश, परमाणु निरस्त्रीकरण की ओर उसका पहला कदम है या नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘इस बीच अमेरिका और विश्व को यह स्पष्ट करते रहना होगा कि उत्तर कोरिया के परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों का अंत हो.’

उत्तर कोरिया ने कहा, अमेरिका साइबर युद्ध की तैयारी में

इससे पहले उत्तर कोरिया ने आरोप लगाया है कि अमेरिका गुप्त तरीके से प्योंगयांग के खिलाफ सैन्य हमले से पहले बड़े पैमाने पर साइबर युद्ध की तैयारी कर रहा है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) और सरकारी दैनिक अखबार ‘रोडोंग सिनमुन’ ने कहा कि अमेरिका की विदेश नीति की पत्रिका ने 15 फरवरी को एक अंक में खुलासा किया था कि वॉशिंगटन कोरियाई प्रायद्वीप पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी खुफिया क्षमताओं का विस्तार कर रहा है.

रपट के अनुसार, उन्होंने बताया कि सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) की तरह अमेरिका की एजेंसियां हमले के लिए तैयार हैं और इसके लिए कई अरबों डॉलर का निवेश और कई विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया गया है. ‘केसीएनए’ के अनुसार, “एनबीसी’, ‘ब्लूमबर्ग न्यूज’ और ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ जैसे अमेरिकी मीडिया आउटलेट उत्तर कोरिया से ‘साइबर आतंकवाद’ और धमकियों के बारे में बात कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि प्योंगयांग के खिलाफ अमेरिकी युद्ध की पहल व्यावहारिक कार्यान्वयन के चरण में पहुंच गई है.” ‘केसीएनए’ ने कहा, अमेरिका दक्षिण कोरिया के साथ युद्ध के अभ्यास के लिए बड़ी संख्या में साइबर युद्ध विशेषज्ञों को भेज रहा है.

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