जब आकाश अनंत है तो उड़ान भी ऊंची होनी चाहिये: मुख्यमंत्री
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘नेतृत्व विकास शिविर 2018’ में भाग लेने आये अनुसूचित जाति-जनजाति एवं विशेष पिछड़ी जनजातियों के मेधावी बच्चों से भेंट की और उन्हें अपना लक्ष्य तय कर जीवन में आगे बढ़ने की सीख दी। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से आत्मीय संवाद करते हुए अपने विद्यार्थी जीवन की घटनाओं को भी साझा किया।
इस मौके पर सीएम शिवराज सिंह ने शंकर शाह एवं रानी दुर्गावती, डॉ. भीमराव अम्बेडकर मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार के साथ ही बालिका विज्ञान पुरस्कार भी प्रदान किये। ये पुरस्कार अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से दसवीं और बारहवीं में प्रावीण्य सूची में स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को दिया जाता है।
छात्रों से अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कम उम्र में मजदूरों-किसानों के हक की लड़ाई का नेतृत्व करने और आपातकाल का विरोध करते हुए जेल जाने की घटनाएं छात्रों को बताईं। मुख्यमंत्री ने बच्चों को बताया कि कैसे उन्हें श्रीमदभगवत गीता से प्रेरणा मिली और कैसे स्वामी विवेकानंद के विचारों ने उनके जीवन को दिशा दी।
जब आकाश अनंत है तो उड़ान भी ऊंची होनी चाहिए
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि वे चमत्कार कर सकते हैं। केवल दृढ़ निश्चय ही सफलता की पहली सीढ़ी है। अपने आपको कभी कमजोर मत समझो। उन्होंने कहा कि, जब आकाश अनंत है तो उड़ान भी ऊंची होनी चाहिये। उन्होने जोर देते हुए कहा कि सिर्फ अपने लिये जीना स्वार्थ है। स्वयं का जीवन, समाज और उन लोगों के लिये भी है जो किसी कारणवश जीवन की दौड़ में पीछे छूट गये हैं।
किराये के मकान का पैसा देगी सरकार
मुख्यमंत्री ने बताया कि ज्ञानोदय, एकलव्य और गुरुकुलम विद्यालयों के बाद अब श्रमोदय विद्यालय खुलने जा रहे हैं, जिनमें मजदूरों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रकृति भेदभाव नहीं करती। केवल स्वस्थ वातावरण और सुविधाओं का अभाव बाधा बनता है, इसमें सुधार लाना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की सभी आधारभूत सुविधाएं सरकार ने उपलब्ध कराने की कोशिश की है। उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश पर शिक्षण शुल्क सरकार भरेगी। छात्रावास उपलब्ध नहीं होने पर किराये के मकान के लिए पैसे सरकार देगी।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि, विद्यार्थियों के सामने सिर्फ अनंत क्षितिज है ऊंचा उड़ने के लिये। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि कभी निराश न हो, लोगों की सेवा और मदद के लिये हमेशा तैयार रहो। इसी संकल्प से नेतृत्व के गुण आते हैं। सामाजिक कार्यों में भाग लो। हमेशा सच बोलो, ईमानदार बनो और पढने के साथ खेलो भी, जो भी करो पूरी मेहनत और उत्कृष्टता के साथ करो।
नेतृत्व विकास शिविर में 232 बच्चे ले रहे हैं हिस्सा
इस मौके पर अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने में योगदान करें। वहीं प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग एसएन मिश्रा ने बताया कि 232 बच्चे नेतृत्व विकास शिविर में भाग ले रहे हैं। यह शिविर 23 जनवरी से शुरू हुआ और 28 जनवरी को समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि करियर परामर्श, महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण, विशिष्टजनों से भेंट इसके प्रमुख घटक हैं।