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पी चिदंबरम की पीएम मोदी को चुनौती, 5 आलोचकों संग नागरिकता पर कर लें प्रश्नोत्तर सत्र

नई दिल्‍ली : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्ष का विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पांच आलोचकों का चयन करना चाहिए और नागरिकता संशोधन कानून पर उनके साथ प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित करना चाहिए, ताकि लोग इसे सुन सकें और इस कानून पर अपने स्वयं के निष्कर्ष तक पहुंच सकें।

वैसे, बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून पर विपक्ष एकजुट होता नजर नहीं आ रहा है। देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस द्वारा आज बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में तृणमूल कांग्रेस की अध्‍यक्ष ममता बनर्जी और बहुजन समाज पार्टी की मायावती के बाद आम आदमी पार्टी ने भी शामिल होने से इनकार कर दिया है। ऐसे में भाजपा को विपक्ष पर हमला करने का एक मौका मिल गया है।

इस बीच नागरिकता संशोधन कानून पर गरमाई राजनीति के बीच उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत में कुछ लोगों को हिंदू शब्द से ही एलर्जी है। नायडू ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब किसी एक खास धर्म का अपमान या तुष्टीकरण करना नहीं है। नागरिकता कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने के लिए है। इसके अलावा पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक कह चुके हैं कि नागरिकता संशोधन कानून किसी भारतीय की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। हालांकि, विपक्षी पार्टियां इस बात को स्‍वीकार करने को तैयार ही नहीं है। ऐसे में नागरिकता संशोधन कानून पर जमकर राजनीति हो रही है। दिल्‍ली में अगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस मुद्दे पर राजनीति और तेज हो गई है।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने सभी समान विचारधारा वाले दलों को नागरिकता संशोधन अधिनियम पर एक संयुक्त रणनीति को औपचारिक बनाने के लिए बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। उम्‍मीद की जा रही थी कि इस बैठक में सभी विपक्षी दलों के प्रमुख नेता शामिल होंगे, तृणमूल, बसपा और आप जैसे दलों ने इस बैठक से किनारा कर लिया है।

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