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समाज की सक्रिय भागीदारी से ही लक्ष्यों की प्राप्ति संभव

समाज में बेटियों को सुरक्षित एवं सम्मानजनक स्थान एवं समानता का स्तर प्रदान करने की प्रतिबद्धता के साथ जिला पंचायत के सभाकक्ष में आज बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ योजना के लक्ष्यों के पाने कार्यशाला में आयोजित की गई। आयोजित कार्यशाला में प्रतिभागियों ने जिले में घटते लिंगानुपात के प्रति चिन्ता व्यक्त की तथा लक्ष्यों को पाने समाज की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता बताई।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक डॉ. हिमानी खन्ना ने कहा कि जिले को स्त्री-पुरूष के अनुपात में बड़ा अंतर होने कारण बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना में शामिल किया गया है। यह बात जिले के लिए सम्मान की बात नही है। लिगांनुपात में कमी आने के कारणों में बाल विवाह, नातरा और झगड़ा प्रथा जैसी कुरूतियां प्रमुख है। लिगांनुपात के अंतर को समाप्त करने के लिए शासकीय अमले के साथ-साथ जन प्रतिनिधियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही समाज की सार्थक एवं प्रभावी पहल जरूरी भी है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री प्रवीण सिंह ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जिले में प्रति हजार पुरूषों पर स्त्री लिगांनुपात 956 से घटकर 920 हुआ है। इसके लिए चिन्तन जरूरी है, ताकि लिगांनुपात में अंतर कम से कम हों। उन्होंने पंचायत स्तर पर जन जागृति लाने और पंचायत स्तर के जन प्रतिनिधियों की कार्यशालाएं आयोजित कर आवश्यक प्रचार के निर्देश महिला सशक्तिकरण अधिकारी को दिए।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्यों, जन प्रतिधिनियों तथा मुख्य चिकित्सा एवं जिला चिकित्सा अधिकारी ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी सहित विभिन्न अशासकीय संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहे। कार्यशाला का संचालन महिला संरक्षण अधिकारी श्री सुरेन्द्र शर्मा ने किया तथा अंत में आभार ज्ञापित किया जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री श्याम बाबू खरे ने।

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