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कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बैतूल से खेड़ी ताप्ती तक निकली चुनरी पदयात्रा, हजारों भक्त हुए शामिल

बैतूल में कार्तिक पूर्णिमा पर मां ताप्ती को 111 मीटर की चुनरी चढ़ाई गई। इस दौरान किसानों को प्राकृतिक आपदा से बचाने और जिले की खुशहाली की मन्नत मांगी गई।

मध्य प्रदेश के बैतूल में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 27 नवम्बर सोमवार को सूर्य पुत्री जीवनदायिनी मां ताप्ती की चुनरी पदयात्रा खेड़ी ताप्ती घाट तक निकाली गई। यहां मां ताप्ती को 111 मीटर की चुनरी चढ़ाई गई। बता दें कि यह पदयात्रा निलय डागा व उनकी धर्मपत्नी दीपाली डागा के नेतृत्व में निकाली गई। इस दौरान किसानों को प्राकृतिक आपदा से बचाने और जिले की खुशहाली की मन्नत मांगी गई।

बता दें कि प्रतिवर्ष निकाली जाने वाली इस पदयात्रा में ताप्ती भक्त निलय डागा के साथ उनकी धर्मपत्नी दीपाली भी घाट तक हजारों श्रद्धालुओं के साथ पदयात्रा करती हैं। उनकी इसी आस्था और मनोबल को देखते हुए हजारों की संख्या में महिलाओं ने भी ताप्ती तक पदयात्रा करना शुरू कर दिया है। पदयात्रा के संबंध में जानकारी देते हुए डागा ने बताया कि नर्मदा परिक्रमा यात्रा से प्रेरित होकर वे जिले में लगातार सातवें वर्ष यात्रा कर रहे हैं। वे यह यात्रा जिले में खुशहाली के लिए कर रहे। उन्होंने कहा कि विगत 7 वर्षों से यात्रा किसी भी तरह के राजनीति उद्देश्य से नहीं बल्कि विशुद्घ धार्मिक भावना से निकाली जा रही है।

प्राचीन शिव मंदिर से शुरू हुई यात्रा

यात्रा में शामिल होने के लिए सभी को आमंत्रित किया गया था। गांव-गांव में कार्ड बांटने के साथ ही एनाउंस भी कराया जा रहा है। खेड़ी घाट में ताप्ती मैया को चुनरी चढ़ाने के बाद भंडारा प्रसादी का वितरण हुआ। प्राचीन शिव मंदिर से शुरू हुई यात्रा, चुनरी यात्रा कोठीबाजार लल्ली चौक स्थित प्राचीन शिव मंदिर से सुबह 7 बजे शुरू हुई। यहां से थाना चौक, टिकारी अखाड़ा चौक, कारगिल चौक, सदर, दनोरा, भडूस, महदगांव, डहरगांव, खेड़ी सांवलीगढ़ होते हुए दोपहर 2 बजे ताप्ती घाट पहुंची।

प्रसादी की गई व्यवस्था

दस हजार लोगों की भोजन प्रसादी, खेड़ी ताप्ती घाट पर 10 हजार लोगों की भोजन, प्रसादी की व्यवस्था की गई। पद यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल हुए, साथ ही कार्तिक पूर्णिमा होने के कारण भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु ताप्ती घाट पर पहुंचे।

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