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अब नहीं चलेगा राशन कार्ड का फर्जीवाड़ा, सरकार उठाने जा रही ये बड़ा कदम

केंद्र सरकार आम आदमी के लिए कई नई व्यवस्थाएं शुरू कर रही है. इसके तहत पुरानी व्यवस्थाओं को बदलने का काम भी किया जा रहा है. इसी दिशा में मोदी सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है.

मोदी सरकार एक ऐसी व्यवस्था करने जा रही है, जिसके बूते आप देशभर में एक ही राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे. यही नहीं, इसके बूते फर्जी राशनकार्ड बनाने वालों पर भी नकेल कसी जाएगी.

सरकार की तैयारी है कि आधार कार्ड की तर्ज पर हर एक राशन कार्ड को एक विशिष्ट (यूनिक) पहचान नंबर दिया जाएगा. इससे फर्जी राशन कार्ड बनाना काफी मुश्किल हो जाएगा.

इसके साथ ही सरकार ऐसी व्यवस्था करेगी, जिसमें एक ऑनलाइन एकीकृत (इंटेग्रेटेड) सिस्टम बनाया जाएगा. इस सिस्टम में राशन कार्ड का डेटा स्टोर होगा. GSTN की तर्ज पर इस इंटीग्रेटेड सिस्टम का नाम होगा- INTEGRATED MANAGEMENT OF PUBLIC DISTRIBUTION SYSTEM NETWORK ( IMPDSN).

इसके बन जाने के बाद अगर देश में कहीं भी कोई अगर फर्जी राशन कार्ड बनवाने की कोशिश करेगा, तो इस सिस्टम के जरिये से पता चल जाएगा. इसके बाद अगर कोई नया राशन कार्ड बनवाने जाता है, तो वह ऐसा कर नहीं पाएगा.

अगले महीने से शुरू होगा काम: इस ऑनलाइन सिस्टम का एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि कोई भी लाभार्थी देश के किसी हिस्से में और किसी भी राशन की दुकान पर सब्सिडी वाला अनाज ले सकेंगे. इस व्यवस्था पर अगले महीने से काम शुरू होगा.

इसका सीधा फायदा उन लोगों को म‍िलेगा, जो अपने राज्य से दूसरे राज्य में नौकरी की खातिर पलायन कर चुके हैं. मौजूदा समय में लाभार्थी अपने गांव या आसपास की राशन की दुकान से सब्स‍िडी वाला अनाज खरीदते हैं.

लेक‍िन एक बार यह ऑनलाइन नेटवर्क तैयार हो गया, तो दूसरे राज्यों में नौकरी के सिलसिले में गए लोगों को कहीं से भी राशन लेने की सुविधा म‍िल जाएगी. इससे काफी बड़े स्तर पर लोगों को फायदा म‍िलेगा.

मौजूदा समय में देश के सिर्फ चार राज्यों में ही यह सुविधा है, जहां कि एक राज्य के लाभार्थी दूसरे राज्य के राशन की दुकान से अनाज खरीद सकते हैं. यह राज्य हैं, राजस्थान, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना.

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