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खनन कारोबार मे 90 के दशक मे हुयी हत्याओ से पर्दा नही उठा

bureau:vikram singh
खनन कारोबार मे हत्याऐ होने से शासन सरकार की नीतियो से पर्दा उठता है।
बेपर्दा हुयी सरकार के समने विकल्प दिखता नही है। वर्ष 1994 से 2005 तक
उन खनन कारोबारीयो की हत्याऐ हुयी है। सरकार जिनसे अच्छा खासा वार्षिक
राज्सव प्राप्त करती थी। खनन के खेल मे आयेदिन खूनी गैंगवार मे किसी न
किसी कारोबारी की जान जाने से खनन नीति मे कार्य किया गया। सरकार ने
नीतियो मे बदलाव किया। क्रशर नदि से 3 किमी की दूरी पर,धार्मिक स्थल
स्कूल से 250 मीटर की दूरी पर स्थापित करने का निर्णय लिया गया। खनन
व्यवसाय को निजी हाथो मे देते हुऐ क्रशर लगाये गये। क्रशर जहा स्थापित
किये गये। वह क्रषि भूमी थी। बगैर एनओसी के हल्द्वानी के गांवो मे क्रशर
स्थापीत कर दिये गये। निजी हाथो से रोजगार लेकर क्रशर स्वामीयो ने मनमाना
रुख अपनाया। निजी खनन व्यवसायी क्रशर स्वामीयो का उतपीड़न सह रहे है।
बलवंत चुफाल का क्रशर हल्द्वानी के गांव हरिपुर नायक मे बगैर एनओसी के
क्रषी भूमी पर स्थापित है। क्रशर का प्रदूषित पानी क्रषी योग्य भूमी को
प्रदूषित करता है। खनन कारोबार निजी कम्पनीयो को देने सरकार की मंशा पर
शंका होती है। 1994 मे पूरन थापा की शांन्तीपुरी गेट तक तूती बोलती थी।
शांन्तीपुरी गेट मे एक से एक धुरंधर कारोबारी थे। छात्र नेता प्रताप
बिष्ट,योगी चौहान,नीतू जैसे शाँतीपुरी गेट पर बेधड़क खनन करते थे।सूत्रो
के अनुशार कई ऐसी चर्चाऐ रही जिसमे छात्र नेता मोहन पाठक खनन व्यवसाय मे
शामील रहा।90 के दशक मे खनन पर अधिपत्य को लेकर खूनी जंग छिड़ी थी।पूरन
थापा के कारोबार को हथियाने को गैंगस्टर जूनैद खान ने हस्तक्षेप किया।
पूरन ने कारोबार मे दखल होने पर रुद्रपुर से भाड़े के शूटरो को
बुलाये।शूटरो ने एस्टीम से


जूनैद के आफिस पहुच मौजूद लोगो पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी। जूनैद
गैंग के लोगो ने भी फायरिंग की। परिणाम कुछ नही निकला। भाड़े के शूटरो की
फायरिंग मे जूनैद समेत कई कारोबारी मारे गये। शान्तीपुरी गेट पर योगी
चौहान का अधिपत्य था। खनन गेट शान्तिपुरी-भगवानपुरा कोटखर्रा  से बेधड़क
रेता पत्थर ट्रको से निकाला जाता था। छात्र नेता प्रताप बिष्ट ने खनन के
कारोबार मे हाथ अजमाया। सामने था योगी गैंग। योगी के सामने किसी कारोबारी
की नही चलती थी। खनन कारोबारी एकजुट हुऐ। उन्होने योगी की हत्या की साजिश
रचि।जिसे आकार दिया गया। योगी गैंग और अन्य गैंगस मे गैंगवार हुयी।
गैंगवार मे योगी की मौत हो गयी। योगी की हत्या को लेकर चर्चाऐ हुयी।
प्रताप बिष्ट ने योगी की हत्या की। साजिश के तहत प्रताप बिष्ट को 2011 मे
सितारगंज के एक रैस्टोरैन्ट मे भाड़े के शूटर शकील पहलवान एवं शिबू समेत
तीन अन्य ने प्रताप बिष्ट की हत्या कर दी। प्रताप बिष्ट की हत्या के
कारणो का खुलासा नही हो पाया है।


शान्तिपुरी-भगवानपुरा कोटदर्रा मे 10 पटटो पर खनन किया जाता है। गैंगस मे
इन्ही 10 पटटो पर खनन को लेकर खूनी संर्धष चल रहा है। भीमताल के जमरानी
क्षेत्र मे 6 पटटो पर खनन किया जाता है। खान अधिकारी राजपाल लेघा कहते
है,भीमताल मे पहाड़ो से भू-कटाव मे मलवा आबादी वाले क्षेत्रो मे आ जाता
है। नागरिको की सुरक्षा को देखते आपदा प्रबन्धन से साझा नीति पर कार्य कर
कारोबारीयो को खनन प्रस्तूती दी है। क्षेत्र मे बांध बनाने का प्रस्ताव
है।

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