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बेघर हुए यूक्रेन के एक करोड़ लोग, शरणार्थी बनने को मजबूर

कीव। रूस और यूक्रेन के बीच की जंग अब दूसरे माह में चल रही है। फिलहाल इसके बंद होने या दोनेां देशों के बीच बातचीत के किसी नतीजे पर पहुंचने की भी उम्‍मीद काफी कम जताई जा रही है। इस बीच रूस की सेना ने कीव के उत्‍तर पश्चिम में इरपिन के पास का इलाका फिर से अपने कब्‍जे में ले लिया है। यूक्रेन की राजधानी कीव को अपने कब्‍जे में करने की रूस की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है। हालांकि इससे पहले रूस ने कहा था कि इस जंग का पहला चरण अब पूरा हो चुका है और वो अब डोनेत्‍सक और लुहांस्‍के पर अपना ध्‍यान लगाएगा। इसके बाद भी रूस के ताबड़तोड़ हमले कम नहीं हुए हैं।

मारियुपोल में फंसे लोग

मारियुपोल में हुई भीषण बमबारी में पांच हजार लोगों के मारे जाने की खबर है। इनमें 210 बच्‍चे भी शामिल हैं। वहीं एएफपी की खबर के मुताबिक मारियापुल में करीब 1.61 लाख फंसे हुए हैं। यहां के हालात नरक से भी बदत्‍तर बने हुए हैं। यूक्रेन के चर्नोबिल पर रूस का पहले ही कब्‍जा हो चुका है। खार्कीव में भी दोनों सेनाओं के बीच भीषण जंग जारी है।

समाधान की तलाश

दोनों देशों के बीच शांति कायम करने और युद्ध के बीच फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के मकसद से आज तुर्की की राजधानी इस्‍तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत भी होनी है। यूक्रेन चाहता है कि रूस तत्‍काल प्रभाव से हमले रोक दे जिससे युद्ध ग्रस्‍त इलाकों में फंसे लोगों को वहांसे निकाला जा सके।

कयासों को करना होगा बंद

इस बातचीत में तुर्की के राष्‍ट्रपति रैसेप तैयप इर्दोगन भी हिस्‍सा लेंगे। हालांकि, इस बीच ये भी आरोप लगा है कि इस बातचीत में हिस्‍सा लेने वाले दोनों पक्षों के प्रतिनिधि को जहर देकर मारने का प्रयास किया था। इर्दोगन का कहना है कि अब इसको यहीं समाप्‍त कर देना चाहिए।

शरणार्थी बने लाखों लोग

इस जंग की वजह से करीब एक करोड़ लेागों को अपना घरबार छोड़कर मजबूरन शरणार्थी बनना पड़ा है। यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की के मुताबिक अब तक करीब 20 हजार लोगों की मौत इस जंग में हो चुकी है।

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