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ओंकारेश्वर में चढ़ने वाले फूलों से बनेगी खाद, युवाओं को दिलाएंगे स्वरोजगार

इंदौर। युवाओं को स्वरोजगार दिलाने के लिए ओंकारेश्वर में चढ़ाए जाने वाले फूलों से खाद बनाने की शुरुआत की जाएगी। यहां रोजाना हजारों किलो फूल नर्मदा नदी में फेंके जा रहे हैं। इनका उपयोग करने के लिए अगले कुछ माह में यहां प्लांट बनाया जाएगा। इसके लिए स्थानीय प्रशासन से बात कर ली गई है।

यह कहना था खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना का। वे रविवार को इंदौर में थे। नईदुनिया से खास बातचीत में उन्होंने प्रदेश में खादी को लेकर हो रहे कामों की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि वे कुछ दिन से ओंकारेश्वर में थे। इस दौरान 45 महिलाओं को खादी तैयार करने के लिए चरखा दिया गया। आश्चर्य की बात यह है कि प्रशिक्षण के दौरान ही हर महिला ने 3500 से 4 हजार रुपए कमाए। इन्हें आयोग की ओर से चेक दिए गए। इससे ओंकारेश्वर के आसपास के कई गांव की महिलाओं को भी प्रेरणा मिली और वे भी इससे जुड़ने के लिए हमसे सहयोग मांग रही हैं। खादी का उपयोग बढ़ने से पांच से 25 हजार रुपए में काम शुरू हो रहा है। यह राशि भी आसानी से लोन के जरिये महिलाओं और युवाओं को मिल रही है।

उन्होंने बताया कि युवाओं में खादी का उपयोग बढ़ता जा रहा है। पिछले साल 34 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी और इस बार 40 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। स्वरोजगार के लिए सरकार की लोन योजनाओं से खादी क्षेत्र में काम करने वालों की संख्या भी बढ़ रही है।

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