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मध्‍यप्रदेश : किसानों की मौत पर मंत्री का अजीबोगरीब बयान

भोपाल : मध्‍यप्रदेश में किसानों की मौत पर राज्‍य के पंचायती राज मंत्री गोपाल भार्गव का अजीबोगरीब बयान सामने आया है. जब पत्रकारों ने उनसे इस बारे में सवाल किया तो उनका कहना था कि विधायक की भी मृत्‍यु होती हैं. पिछले चार साल में दस विधायक मर गए हैं. अब क्‍या मृत्‍यु पर किसी का जोर है?

किसानों के साथ हमारी सहानुभूति है- भार्गव
न्‍यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार मध्‍यप्रदेश के पंचायती राज मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि ‘विधायक की भी मृत्‍यु होती हैं. पिछले चार साल में दस विधायक मर गए हैं. अब क्‍या मृत्‍यु पर किसी का जोर है? विधायक अमर हैं? हम लोगों को भी टेंशन होती है. किसानों के साथ हमारी सहानुभूति है.’

मंत्री गोपाल भार्गव के बयान की किसान सभा ने निंदा की
मध्यप्रदेश में किसान आत्महत्या के मसले पर पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव द्वारा दिए गए बयान की किसान सभा ने निंदा करते हुए कहा कि शिवराज सरकार के मंत्री किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने में लगे हैं. मध्यप्रदेश किसान सभा की राज्य इकाई के अध्यक्ष जसविंदर सिंह और महासचिव अशोक तिवारी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि राज्य में कृषि संकट के चलते आत्महत्या करने वाले किसानों के प्रति हमदर्दी जताने और कृषि संकट का समाधान खोज आत्महत्याएं रोकने की बजाय प्रदेश की भाजपा सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री भार्गव ने किसानों का मजाक उड़ाया है.

मंत्री का बयान किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला- किसान सभा
मध्यप्रदेश किसान सभा ने कहा है कि मंत्री का बयान किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला है. मध्यप्रदेश किसान सभा की ओर से जारी बयान में कहा है कि विधायकों की स्वभाविक मौत की तुलना कर्ज के बोझ तले दबकर या फसल के बर्बाद हो जाने पर अवसादग्रस्त होकर अपनी जीवन लीला खुद समाप्त कर लेने वाले किसानों से करना अमानवीय है.

कोई किसान शौक से नहीं मरता- किसान नेता
किसान नेताओं ने आगे कहा कि सरकार नकली खाद, बीज और कीटनाशक दवाओं पर रोक लगाए, मंडियों में किसानों की लूट को बंद करे, कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने वाली व्यवस्था लागू करे तो किसान आत्महत्या पर रोक लग सकती है. कोई किसान शौक से नहीं मरता है.

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