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अमेरिका की धमकी कुत्ते के भौंकने जैसी, उत्तर कोरिया के विदेशी मंत्री ने कहा

सियोल। तमाम प्रतिबंधों के बाद भी उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्य़क्रम को रोक नहीं रहा। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति उत्तर कोरिया को खुले आम धमकी दे रही हैं। ऐसे में उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने इस पर पलटवार किया है। न्यूयॉर्क पहुंचे विदेश मंत्री रिंग यॉन्ग हो ने अमेरिकी राष्ट्रपति की धमकी की तुलना कुत्ते के भौंकने से की की है।

इस मामले में उत्तर कोरिया के विदेशी मंत्री ने कहा कि अमेरिका की धमकियों से उत्तर कोरिया डरने वाला नहीं है। ये ऐसा ही है कि जैसा हाथी बाजार चलते हैं और उसके पीछे कुत्ते भौंकते हैं। ऐसे में अगर अमेरिका उत्तर कोरिया को ऐसी गीदड़भभकी से डराना चाह रहा है तो सपना देख रहा है।

वहीं उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच बढ़ी तनातनी के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने कहा कि कोरियाई प्रायद्धीप में स्थिति बिगड़ रही है। ऐसे में इसे इस हाल में छोड़ना वाकई खतरनाक होगा।

इससे पहले ट्रंप ने यूएन महासभा में अपने पहले भाषण में उत्तर कोरिया को धमकी दी थी कि अगर उसने अमेरिका या उसके मित्र देश पर हमला करने की गुस्ताखी की तो वॉशिंगटन उसे राख में मिला देगा। इस बीच दक्षिण कोरिया ने गुरुवार को उत्तर कोरिया को आठ मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद देने के प्लान को मंजूरी दी है।

हालांकि दक्षिण कोरिया में इस फैसले को लेकर विरोध हो रहा है। वहीं जापान और अमेरिका ने भी इसे लेकर नाखुशी जताई है। मगर दक्षिण कोरियाई सरकार का कहना है कि पड़ोसी मुल्क को मदद देने के उनके फैसले पर तमाम विवादों और खींचतान का कोई खास असर नहीं पड़ेगा। वहीं कितनी आर्थिक मदद मिलेगी और कब मिलेगी, ये अभी तय नहीं है।

शुरुआती दौर में दक्षिण कोरिया साढ़े चार मिलियन डॉलर कीमत का पौष्टिक आहार बच्चों और गर्भवती महिला के लिए भेजेगा। वहीं यूनिसेफ के जरिए वैक्सीन और दवाईयां भेजी जाएंगी। खुद यूनिसेफ के रीजनल डायरेक्टर ने भी माना है कि नॉर्थ कोरिया में बच्चों की स्थिति बेहतर नहीं है। आज बीस हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। ऐसे में इनकी मौत की आशंका काफी ज्यादा है।

प्योंगयांग ने हाल ही में कहा था कि उसका लक्ष्य अमेरिका को अपनी जद में लाना है। इस बात को साबित करने के लिए उसने कई मिसाइल परीक्षण भी किए हैं। सितंबर के पहले हफ्ते में ही उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था, जो कि उसका छठा और सबसे शक्तिशाली न्यूक्लियर टेस्ट था। उत्तर कोरिया ने दावा किया था कि यह बम रॉकेट में भी फिट हो सकता है। प्योंगयांग ने जुलाई में दो अंतरमहाद्विपीय बलिस्टिक मिसाइलों का भी परीक्षण किया था जिसकी जद में अमेरिका है।

उत्तर कोरिया के लगातार मिसाइल परीक्षण के बाद ट्रंप ने किम जोंग-उन को रॉकेट मैन बताया और कहा कि वह सूइसाइड मिशन पर है। ट्रंप के भाषण से एक दिन पहले ही जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी संयुक्त राष्ट्र में कहा था कि उत्तर कोरिया से बातचीत का कोई फायदा नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि आबे का यह भाषण चीन के लिए था जो कि लगातार उत्तर कोरिया से बातचीत करने को लेकर दबाव बना रहा है।

इससे पहले उत्तर कोरिया के छठे न्यूक्लियर टेस्ट के बाद यूएन ने उसपर प्रतिबंध लगा दिए थे।

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