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चारा घोटाले में लालू यादव की ‘पैरवी पर घिरे’ जालौन के डीएम

पटना। लालू यादव को चारा घोटाला मामले में पैरवी करने वाले झांसी के डीएम और एसडीएम पर गाज गिरने वाली है। सीएम योगी ने इस मामले में झांसी कमिश्नर को जांच के आदेश के दिए हैं। सीबीआई जज शिवपाल सिंह की अदालत में लालू प्रसाद यादव को साढे 3 साल का सजा सुनाई है जिसके बाद से वह झारखंड के बिरसा मुंडा जेल में बंद है। सजा की सुनवाई के दौरान लालू यादव और जज के बीच हुई बातचीत में जज साहब ने कहा था कि आपके लिए अब तक कई लोगों का फोन आ चुका है। इनमें से एक फोन जालौन के डीएम मन्नान अख्तर का भी था जिनके खिलाफ जांच शुरू हो गई है। जालौन के एसडीएम भैरवपाल सिंह पर भी जज को फोन कर सिफारिश करने का आरोप है। मामले में कमिश्नर से दो दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।

सीएम योगी ने दिए पैरवी करने वालों पर जांच के आदेश
लालू प्रसाद पर फैसला सुनाए जाने से पूर्व सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह को उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के डीएम और एसडीएम ने फोन किया था। दोनों ने फोन पर लालू यादव की पैरवी करते हुए कहा था कि वह अच्छे इंसान हैं। जरा देख लीजिएगा सर तो एसडीएम ने कहा कि लालू यादव उनके रिश्तेदार हैं हो सके तो उन पर मेहरबानी करें। हालांकि इस बात का खुलासा होने के बाद काफी बवाल मच गया था जिसके बाद अब सीएमयोगी आदित्यनाथ ने झांसी के डीएम को मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

खुद न्याय के लिए भटक रहे थे न्यायाधीश शिवपाल
उत्तर प्रदेश कि इन दोनों अधिकारी के द्वारा फोन किए जाने के बाद जब शिवपाल सिंह ने लालू यादव से कोर्ट में कहा था कि आप के कई शुभचिंतक फोन कर पैरवी कर रहे हैं लेकिन हम किसी का भी नहीं सुनते हैं। हम वही करेंगे जो कानून कहता है। आपको बताते चलें कि लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के रहने वाले हैं तथा पिछले कई वर्षों से वह अपने लिए न्याय की मांग कर रहे हैं क्योंकि उनकी जमीन पर कुछ लोगों के द्वारा कब्जा कर लिया गया है जिसके लिए वह अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं। इसी बात को लेकर वहां के डीएम ने उनसे कहा था कि पहले कानून पढ़कर आइए फिर बात करिएगा। आप झारखंड में जज हैं न, पहले कानून पढ़ कर आइए।

जालौन के रहने वाले हैं न्यायाधीश शिवपाल सिंह
आपको बताते चलें कि शिवपाल सिंह के पैतृक घर जालौन जिले के ग्राम शेखपुर खुर्द, पोस्ट सिहारी दाउदपुर में है। जहां पिछले 11 साल से जमीन पर कब्जे को लेकर वह और उनके भाई वरीय अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। इसको लेकर 12 दिसंबर को शिवपाल सिंह ने डीएम और एसपी से मुलाकात कर मामले को निपटाने का आग्रह किया था। सूत्रों की माने तो इसी क्रम में डीएम ने शिवपाल सिंह से कहा कि वह झारखंड में न जज हैं, पहले कानून पढ़ कर आयें। इससे पहले जज ने ग्राम प्रधान और बीडीओ की उपस्थिति में अपनी जमीन पर पत्थर गड़वाये थे, लेकिन रात में ही विरोधियों ने पत्थर हटवा दिया था।

मामला मीडिया में आने पर आनन-फानन में हटवाया गया कब्जा
वहीं मीडिया में इस तरह की खबर आने के बाद अधिकारी सक्रिय हुए और जज के पैतृक गांव गए जहां मापी कर जज की जमीन निकाली और करीब एक एकड़ जमीन मुक्त कराई गई। आपको बताते चलें कि शिवपाल सिंह ने अपनी पढ़ाई दाऊद पुर से की है इसके बाद आठवीं तक की पढ़ाई अगनू जूनियर हाई स्कूल से किया। दसवीं की पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई सनातन धर्म इंटर स्कूल से की। इंटर की पढ़ाई करने के बाद उनकी शादी हो गई लेकिन शादी के बाद उन्होंने बीएससी तक की पढ़ाई इलाहाबाद से की और वही से लॉ की डिग्री भी लिया। फिलहाल वह झारखंड में जज है।

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