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कर्नाटक में फिर से शुरू हुई ‘रिजॉर्ट पॉलिटिक्स’, विधायकों का इस तरह से रखा जा रहा है पूरा ख्याल

कर्नाटक में चल रहे सियासी ‘नाटक’ के बीच ‘रिजॉर्ट पॉलिटिक्स’ शुरू हो गई है। सियासी संकट का हल निकालने के लिए कांग्रेस और जेडीएस जोर आजमाइश में लगी है वहीं भाजपा भी अपने विधायकों पर नजर बनाए हुए है। कांग्रेस-जेडीएस को अपनी सत्ता को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटी हुई है और विधायकों का पूरा खयाल रखा जा रहा है। विपक्ष कहीं सत्तापक्ष में फिर से सेंध ना लगा दे इसलिए विधायकों को शानदार रिजॉर्ट्स में ठहराया जा रहा है।

कुमारस्वामी ने की है विश्वास मत लाने की घोषणा
दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अपने बागी विधायकों के इस्तीफे के बावजूद भी विधानसभा में विश्वास मत लाने की घोषणा की है। इसके बाद से ही भाजपा ने अपने किले को मजबूत करना शुरू कर दिया है। 16 बागी विधायकों के इस्तीफे यदि स्वीकार हो जाते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए मुश्किलें शुरू हो जाएंगी। राज्य में कांग्रेस के पास फिलहाल 78 तथा जेडीएस के पास 37 और बसपा के पास एक सदस्य है। इसके अलावा सरकार को समर्थन दे रहे दो निर्दलीय विधायकों ने भी अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी है।

राजनीतिक हलचल के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुक्रवार को अपने सभी विधायकों को बेंगलुरु के नजदीक रामदा रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है। 224 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 107 विधायक हैं और बहुमत का आंकड़ा 113 का है। जिन 16 कांग्रेस जेडीएस के बागी विधायकों ने इस्तीफा दिया है, यदि वो मंजूर हो जाते हैं तो बहुमत का आंकड़ा भी घट जाएगा। ऐसे में भाजपा कांग्रेस-जेडीएस को कोई भी मौका नहीं देना चाहती है।

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