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मध्यप्रदेश : कमलनाथ ने कहा- कानून व्यवस्था बिगड़ने से पहले ही भांप लें, फिर तत्काल कार्रवाई करें

भोपाल. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में दो टूक कहा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था सर्वोपरि है। जिला मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों का संयुक्त दायित्व है कि कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति को पहले भांप लें और जरूरी कार्रवाई करें।

सीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि कर्ज माफी के प्रकरण तत्काल मंजूर हो और किसानों को प्रमाण पत्र मिल जाए इसमें किसी प्रकार की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम सुशासन को जिलास्तर पर दोबारा लेकर गए हैं। कलेक्टर्स यह सुनिश्तिच करें कि आमजन का कार्य जिलास्तर पर ही हो। लोगों को भोपाल या मंत्रालय न आना पड़े। हमने कलेक्टर्स को सशक्त किया है और आगे भी करेंगे। संभाग और जिला स्तर पर आप सरकार का चेहरा हैं। गरीबों और वंचितों को उनका अधिकार मिले, उनके काम आसानी से हों इस पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करें।”

कमलनाथ ने कहा कि हमारा संविधान हमें समाज के निचले तबके को सशक्त करने और गरीबों व वंचितों को न्याय दिलाने के लिए प्रेरित करता है। कलेक्टर्स से मेरा आग्रह है कि जरूरतमंद और गरीब लोगों की चिंता मेरी तरफ से आप करें। जनसुनवाई, लोकसेवा गारंटी, सीएम हेल्पलाइन और समाधान एक दिन की व्यवस्थाएं सुदृढ़ हों।

युवा स्वाभिमान योजना से ज्यादा युवा जुड़ें
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी चिंता है कि युवा स्वाभिमान योजना से अधिक से अधिक युवा लाभाविन्त हो। मैं चाहूंगा कि कलेक्टर्स व्यक्तिगत रूचि लेकर युवा बेरोजगारों से संवाद करें और उनकी काउंसलिंग करें। साथ ही उन्हें योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित करें।

इन बिंदुओं पर लिया फीडबैक
मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था, कर्जमाफी और अन्य मुद्दों पर चर्चा के साथ योजनाओं पर भी फीडबैक लिया। इस दौरान जय किसान फसल ऋण माफी योजना, ग्रीष्म ऋतु में पेयजल प्रबंध, प्रोजेक्ट गौ-शाला, स्व-रोजगार योजनाओं की समीक्षा, राजस्व प्रकरणों की समीक्षा, बिजली बिलों को ठीक करने, कानून-व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं और आगामी बोर्ड परीक्षाओं जैसी प्राथमिकताओं के संबंध में बातचीत की।

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