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भारत ने ठुकराया चीन का OBOR में शामिल होने का निमंत्रण

नई दिल्ली। वन बेल्ट वन रोड की चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना में भारत को भाग लेने के लिये चीन द्वारा आधिकारिक तौर पर निमंत्रण दुहराये जाने को भारत ने तवज्जोह नहीं दिया और कहा कि इस बारे में भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। चीन के निमंत्रण को ठुकराते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने उम्मीद जाहिर की कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं कांग्रेस में जो नीतियां और दिशा तय हुई हैं उनसे आपसी द्विपक्षीय रिश्तों को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र में शांति व स्थिरता सुनिश्चित होगी।

उल्लेखनीय है कि गत जून में पेइचिंग में चीन द्वारा ओबीओआर शिखर बैठक में भाग लेने के लिये चीन के निमंत्रण को भारत ने स्वीकार नहीं किया था। भारत ने यह ऐतराज जताया था कि जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरने वाले चीन पाक आर्थिक गलियारा (सीपीईसी ) से भारत की सम्प्रभुता का उल्लंघन होता है। अब चीन में राष्ट्रपति शी चिन फिंग द्वारा 5 साल के दूसरे कार्यकाल के लिये चुने जाने के बाद चीन द्वारा फिर भारत को ओबीओआर प्रोजेक्ट में शामिल होने के निमंत्रण को भारत ने अहमियत नहीं दी। प्रवक्ता ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि जम्मू-कश्मीर मसले पर हमारी नीति सभी को पता है।

उल्लेखनीय है कि चीन ने इस बारे में कहा कि जम्मू-कश्मीर का मसला भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी बातचीत से हल होना चाहिये और पाक अधिकृत कश्मीर से होकर जो राजमार्ग बनाया जा रहा है उसकी वजह से उस इलाके की सम्प्रुभता को लेकर मसला भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत से ही हल होगा।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महाधिवेशन के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले ही चीन के राष्ट्रपति शी चिन फिंग को अपना बधाई संदेश भेजा है। अधिवेशन शुरू होने के पहले उन्होंने इसकी सफलता की कामना के लिये अपना शुभकामना संदेश भेजा था।

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