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गुजरात चुनाव: पहले चरण के मतदान के बाद बीजेपी

गुजरात में पहले चरण के चुनाव के बाद जमकर दावे किये जा रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों को यकीन है कि पहले चरण की अधिकतर सीटों पर उनका कब्जा होगा। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र और दक्षिण गुजरात में 9 दिसंबर को 89 सीटों पर वोटिंग हुई थी। बीजेपी की निगाहें अब उत्तर गुजरात खासकर बनासकांठा पर है। ये इलाका जुलाई में बाढ़ प्रभावित था, बीजेपी का दावा है कि बाढ़ के दौरान उनके नेताओं और विधायकों ने यहां अच्छा काम किया था लिहाजा लोग उन्हें वोट देंगे। गुजरात में अब 14 दिसंबर को 93 सीटों पर वोटिंग है। उत्तर गुजरात के 6 जिलों, गांधीनगर, बनासकांठा, साबरकांठा, अरावली, मेहसाणा और पाटन में विधानसभा की 32 सीटें हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में यहां पर कांग्रेस ने 17 सीटें और और बीजेपी ने 15 सीटें जीती थीं। बीजेपी को उम्मीद है कि इन इलाकों में उनकी जीत का प्रतिशत बढ़ने वाला है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण के चुनाव में बीजेपी सूत्र 89 में से 60 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं।

बीजेपी के एक नेता ने दावा किया कि पहले चरण में पार्टी के लिए सौराष्ट्र एक मुख्य चुनौती थी, लेकिन पाटीदार नेताओं में फूट, और दूसरे समुदायों में बीजेपी के पक्ष में गोलबंदी पार्टी के लिए फायदेमंद रही है। बीजेपी नेता ने कहा कि किसी भी हालत में हमारी टैली 60 से नीचे नहीं जानी चाहिए। बीजेपी के एक नेता का दावा है कि वोटिंग के बाद प्रचार प्रमुख से रिपोर्ट ली गई है और इसका आकलन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने खुद किया है, पार्टी को उम्मीद है कि जमीनी स्तर से मिले ऐसे रिपोर्ट गलत साबित नहीं हो सकते हैं। 2012 में बीजेपी ने इन 89 सीटों में 63 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस के खाते में 22 सीटें गईं थी।

पहले चरण को लेकर कांग्रेस का दावा अलग है। पार्टी का मानना है कि पहले चरण में कांग्रेस 40 से 45 सीटें जीतेंगी। इस लिहाज से कांग्रेस के लिए ये अहम उछाल है। एक नेता ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा, ‘हमारी रिपोर्ट कहती है कि बीजेपी के कोली और मेर मतदाता वोटिंग से दूर रहे जबकि मोरबी जैसे जगह जहां कड़वा पटेल वोटर्स ज्यादा संख्या में हैं, उन्होंने जमकर मतदान किया है।’ 9 दिसंबर को सूरत में भी वोटिंग हुई है, वहां से भी पार्टी को बड़ी उम्मीदें है , पार्टी के मुताबिक सूरत में कांग्रेस अच्छे रिजल्ट की उम्मीद कर रही है। कांग्रेस के मुताबिक यहां पर जीएसटी लागू करने के बाद व्यापारियों में पैदा हुई नाराजगी का लाभ कांग्रेस को मिलेगा।

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