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भारत सरकार ने देशभर में 1, 2 और 5 रुपए के सिक्कों की ढलाई रोकने का लिया निर्णय

भारत सरकार ने अस्थाई रूप से देशभर में 1, 2 और 5 रुपए के सिक्कों की ढलाई रोकने का निर्णय लिया है। ढलाई रुकने से करीब तीन हजार कर्मचारियों के सीधे प्रभावित होने के कयास लगाए जा रहे हैं। सिक्युरिटी प्रिंटिग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) ने यह निर्णय लिया है। यह भारत की चार मुद्रा मिंटिंग यूनिट में से एक है। मनी कंट्रोल के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार (9 जनवरी, 2017) को यह निर्णय लिया गया। इसमें बताया गया कि प्रिंटिंग में 25.28 लाख सिक्कों की रिजर्व इकाई के चलते ऐसा किया गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अभी तक इन्हें वितरकों के पास नहीं भेजा है।

रिपोर्ट के अनुसार पिछले 6-9 महीनों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी के चलते आरबीआई सिक्कों को बाजार में नहीं उतार रहा है। यहां छोटे स्तर पर भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में तेजी देखने को मिली है। सिक्कों की कम खपत का एक कारण भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के रूप में भी देखा जा रहा है। मनी कंट्रोल को एसपीएमसीआईएल से मिली जानकारी के अनुसार आरबीआई ने 25.28 लाख सिक्कों को बाजार में नहीं उतारा है। इसलिए तुंरत प्रभाव से सिक्कों की ढलाई रोकने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान सिक्कों की ढलाई ना होने से एसपीएमसीआईएल में काम कर रहे कर्मचारियों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

मामले में 9 जनवरी, 2017 को एक पत्र के जरिए कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है, ‘एसपीएमसीआईएल, मुंबई के कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि सिक्कों को ढलाई को तुंरत बंद कर दिया जाएगा।’ हालांकि एसपीएमसीआईएल ने आधिकारिक तौर पर इस मामले में टिप्पणी नहीं की है। लेकिन मजदूर यूनियन के एक नेता ने ढलाई रुकने की पुष्टि की है। उन्होंने आगे बताया कि यूनियन पहले इस मामले को आला अधिकारियों के समक्ष उठा चुकी है।

जानकारी के लिए बता दें कि देशभर में चारों सिक्कों की ढलाई यूनिट में 1, 2 और 5 रुपए के 9.5 अरब सिक्के रखने की क्षमता है। इनमें से 2.528 अरब सिक्के अब भी टकसालों में हैं।

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