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चुनौतियों की पत्रकारिता ने मुझे और निखारा है प्रवाल सक्सेना

कलम के सिपाही वरिष्ठ पत्रकार प्रवाल सक्सेना के जीवन पर एक नजर : राजधानी में दैनिक नवदुनिया से वर्ष 1994 से पत्रकारिता का सफर शुरू करने वाले वरिष्ठ पत्रकार  प्रवाल सक्सेना अब किसी परिचय के मोहताज नहीं है. पिछले दो दशक से अधिक समय से सक्रिय पत्रकारिता में आपने कई उतार चढ़ाव बड़े नजदीक से देखे हैं. दैनिक भास्कर में अपनी लेखनी का जलवा दिखाते हुए कई बार उत्कृष्ट रिपोर्टिंग का अवार्ड भी प्राप्त किया. इतना ही नहीं प्रदेश के कर्मचारी नेताओं में शुमार सत्यनारायण तिवारी पुरस्कार से भी आप को नवाजा गया. पत्रकारिता की यह यात्रा दैनिक स्वदेश, देशबंधू के साथ ही सांध्य प्रकाश, प्रदेश टाइम्स के बाद राज एक्सप्रेस तक निरंतर जारी रही. इसके बाद वरिष्ठ पत्रकार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में भी अपना हुनर दिखाया राज TV में नगर निगम चुनाव के दौरान 18 से 20 घंटे लगातार पुरानी जेल से लाइव रिपोर्टिंग प्रवाल सक्सेना के खाते में है।विधानसभा की पत्रकार दीर्घा समिति के सदस्य श्री प्रवाल सक्सेना भारत समाचार के न्यूज़ कॉर्डिनेटर रह चुके हैं। भारत समाचार, DD News, Zee TV, साधना न्यूज़ चैनल में भी कार्य कर चुके है। प्रवाल ने  दूरदर्शन आकाशवाणी के साथ कई मीडिया संस्थानों में शिरकत की है । पत्रकारिता के दौरान कई चुनौतियां ऐसी आई की लगा कहां आ गए हैं, पुराने शहर के जिला न्यायालय में जब मुंबई बम कांड की सुनवाई होती थी उस दौरान रिपोर्टिंग करना आसान नहीं था। एक बार एक कांड के आरोपी रहे रूसी पठान से आमना-सामना हो गया उनके अधिवक्ता ने मेरा परिचय कराया इस पर रूमी बोले मियां  हमारे खिलाफ आजकल खूब छाप रहे हो, इस बात पर जवाब मैंने कुछ इस तरह दिया कि जो कोर्ट की कार्रवाई होती है उसे पूरी ईमानदारी से लिखता हूं अगर मैं आपके बारे में होता तो भी इतनी शिद्दत से काम करता, यह जवाब सुनकर उन्होंने अपने गुर्गो से कहा की इनसे सीखिए।  नईदुनिया में सेवा के दौरान शाम 5:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक तक ड्यूटी करते थे, कई बार लगता था कि कहां फंस गए लेकिन इसके अनुभव से बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। इस तरह शहर के सबसे बड़े हॉस्पिटल हमीदिया हॉस्पिटल में भी आस्था अभियान के दौरान कई मरीजों को हमारे अथक प्रयासों से मौत के मुंह से निकाल ले जाने का भी संतोष प्राप्त हुआ है । ऐसे ही कलेक्ट्रेट में भी कई बेसहारा का सेवा करने का अवसर मिला । वरिष्ठ साथियोंके सहयोग और उनकी डांटने भी हमारी पत्रकारिता को निखारा है । उन सब के प्रति आज भी हम आभारी हैं । अनुभव और संघर्षों को यह सिलसिला आज भी निरंतर जारी है ।

उच्च शिक्षित परिवार

श्री सक्सेना के परिवार की पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो आप पाएंगे कि वह एक उच्च शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता स्वर्गीय श्री प्रेम प्रकाश सक्सेना कोटरा हायर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल थे। वही ससुर रामनारायण श्रीवास्तव दमोह में शासकीय स्कूल में प्राचार्य रह चुके हैं ।उनकी पत्नी श्रीमती कल्पना सक्सेना ने AHSC तथा LLB की उपाधि प्राप्त की है । श्री सक्सेना स्वयं राजनीति विज्ञान में MA है और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से बीजे की उपाधि प्राप्त की है।

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