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Bazaar Movie Review: लव, मनी और धोखे का रोमांचक ‘बाजार’ है सैफ अली खान की फिल्म

नई दिल्ली: Bazaar Review: बॉलीवुड में इन दिनों अच्छी कहानियों का दौर चल रहा है. सैफ अली खान (Saif Ali Khan), रोहन मेहरा (Rohan Mehra), राधिका आप्टे (Radhika Apte) और चित्रांगदा सिंह (Chitrangda Singh) की ‘बाजार (Bazaar)’ ऐसी ही फिल्म है. कुछ हफ्ते पहले राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की ‘स्त्री’ आई थी और हिट रही थी. फिर आयुष्मान खुराना की ‘अंधाधुन’ ने रंग जमाया और उसके बाद आयुष्मान ने फिर ‘बधाई हो’ जैसी फिल्म दी. इस हफ्ते सैफ अली खान (Saif Ali Khan) की जानदार एक्टिंग और शेयर बाजार की चकरा देने वाली दुनिया अपने चक्रव्यूह में उलझाकर रख देती है. ‘बाजार (Bazaar)’ हमारे सामने ऐसी दुनिया लेकर आती है, जिससे हम बहुत रू-ब-रू नहीं हैं. सैफ अली खान की फिल्म लव, मनी और धोखे का रोमांचक बाजार है.

‘बाजार (Bazaar)’ की कहानी शेयरों और कंपनियों की खरीद-फरोख्त से पैसा कमाने वाले सैफ अली खान यानी शकुन कोठारी की है. शकुन कोठारी को पैसा कमाना है, और वह किसी भी तरह से उसे कमाने में यकीन करते हैं. वहां इलाहाबाद जैसे छोटे शहर का रिजवान अहमद यानी रोहन मेहरा है, जिसके बड़े ख्वाब है और जो खुद को प्रूव करने के लिए थूकी हुई कॉफी को भी पी लेता है. शकुन कोठारी उसका आदर्श है, और उसे उसके जैसा ही बनना है. वह मुंबई आता है, और अपने सपनों के पीछे भागने लगता है. रिजवान को प्रिया यानी राधिका आप्टे मिलती है. रिजवान की रफ्तार बहुत तेज है और शकुन का दिमाग. शकुन को पैसा कमाना है और उसे महत्वाकांक्षी युवाओं का इस्तेमाल करना आता है. ‘बाजार (Bazaar)’ में इस्तेमाल करने और इस्तेमाल होने को जबरदस्त ढंग से दिखाया गया है. फिल्म पूरी तरह से थ्रिलर है और रोमांच से भरी है. गौरव चावला ने बेहतरीन ढंग से एक नई दुनिया रची है, लेकिन अगर सॉन्ग न होते तो फिल्म मारक हो सकती थी. लेकिन बॉलीवुड में इस तरह का प्रयोग वाकई सुखद है.

‘बाजार (Bazaar)’ में सैफ अली खान ने शकुन कोठारी का किरदार मंजे हुए ढंग से निभाया है. सैफ अली खान के एक्सप्रेशंस और एटीट्यूड वाकई इस रोल के लिए एकदम परफेक्ट रहा है. फिर ‘सेक्रेड गेम्स’ के साथ सैफ अली खान (Saif Ali Khan) ने जो एक्टिंग को लेकर अपनी इमेज कायम की है, उसे वह यहां भी कायम करने में सफल रहे हैं. रोहन मेहरा ने छोटे शहर के युवा रिजवान का किरदार अच्छे ढंग से निभाया है, कई मौकों पर वे दिल को छू जाते हैं. राधिका आप्टे ने भी अपने किरदार को हमेशा की तरह अच्छे से किया है, हालांकि चित्रांगदा सिंह के पास करने के लिए ज्यादा नहीं है, लेकिन उनके एक्सप्रेशंस बहुत ही कमाल हैं, और उनका चेहरा काफी कुछ कह जाता है.

‘बाजार (Bazaar)’ का बजट लगभग 35-40 करोड़ रु. के बीच बताया जाता है, ऐसे में फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. हालांकि ‘बाजार’ में हर वह मसाला है जो ऑडियंस को कनेक्ट कर सकता है. ‘बाजार (Bazaar)’ फिल्म का म्यूजिक अच्छा है और फुट टैपिंग है लेकिन सॉन्ग्स की जरूरत नहीं थी. फिर बॉलीवुड फिल्म प्रेमियों को वे पसंद आएंगे. गौरव चावला का अच्छा डायरेक्शन है, और उन्होंने एक नई किस्म की कहानी दर्शकों के सामने कहने की कोशिश की है. ‘बाजार (Bazaar)’ में युवाओं को कनेक्ट करने वाली बात भी है. शकुन कोठारी की भाषा में कहें तो यह देखना दिलचस्प होगा कि ‘बाजार (Bazaar)’ मैराथन की धावक सिद्ध होती है या फिर 100 मीटर की एथलीट.

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