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राम जन्मभूमि के पक्षकार महंत भास्कर दास का निधन, पिछले साल हासिम अंसारी की हुई थी मौत

अयोध्या के राम जन्मभूमि मामले में पक्षकार महंत भास्कर दास का निधन हो गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक भास्कर दास ने फैजाबाद के हर्षण हृदय संस्थान में शनिवार तड़के साढ़े 3 बजे अंतिम सांस ली. भास्कर दास फैजाबाद में निर्मोही अखाड़ा के महंत रहे. पिछले कुछ दिनों से बाबा महंत दास को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉ. अरुण जायसवाल की देखरेख में भास्कर दास का इलाज चल रहा था. अरुण जायसवाल ही भास्कर दास के उत्तराधिकारी हैं.

महंत भास्कर दास 88 साल के थे. उन्होंने 1959 में अयोध्या राम जन्म भूमि के स्वामित्व का दावा दायर किया था. इसके साथ ही मुस्लिम पक्षकार हाशिम अंसारी से भी संबंध काफी मधुर थे. महंत भास्कर दास ने आपसी भाई चारे का हमेशा खयाल रखा.

पिछले साल हुई थी हाशिम अंसारी की मौत

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के सबसे बुजुर्ग पैरोकार मोहम्मद हाशिम अंसारी का हृदय संबंधी बीमारियों के चलते साल 2016 में जुलाई में निधन हो गया था. अंसारी दिसंबर 1949 से बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े थे. वह सुन्नी केंद्रीय वक्फ बोर्ड द्वारा फैजाबाद दीवानी अदालत में दायर ‘अयोध्या मामले के मुकदमे’ में 1961 में कुछ अन्य लोगों के साथ प्रमुख वादी बने थे. हाशिम अंसारी के अलावा मोहम्मद फारूक, शहाबुद्दीन, मौलाना निसार और महमूद साहब इस मामले में वादी हैं. अंसारी फैजाबाद दीवानी अदालत में यह मामला दायर कराने वाले पहले व्यक्ति थे.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने साल 2010 में इस मुकदमे में एकमत से फैसला सुनाया था. अदालत ने अयोध्या में विवादित स्थल का एक तिहाई हिस्सा निर्मोही अखाड़े को आवंटित कर दिया था. बाकी का दो तिहाई हिस्सा वक्फ बोर्ड और रामलला का प्रतिनिधित्व करने वाले पक्ष के बीच बराबर बांट दिया गया था. फैसले के तुरंत बाद अंसारी ने विवाद को दफन करने और ‘नई शुरुआत’ करने की अपील की थी

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