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अनिल अंबानी बोले- संकट में है टेलिकॉम सेक्‍टर, बैंक नहीं दे रहे लोन

रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने मंगलवार को कहा कि दूरसंचार क्षेत्र संकट में है और बैंक कोई ऋण नहीं दे रहे हैं। अंबानी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) की वार्षिक आमसभा में यहां कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक ने अप्रैल में सभी बैंकों से दूरसंचार पर सचेत रहने को कहा था। अब बैंक कोई ऋण नहीं दे रहे हैं।” उन्होंने कहा, “इस सेक्टर ने दिवंगत धीरूभाई अंबानी के दृष्टिकोण के अनुसार देश को रूपांतरित किया है..इस सेक्टर ने एक अरब लोगों को मोबाइल सुविधा प्रदान की है, जिसमें एक मात्र विजेता उपभोक्ता हैं।” अंबानी ने हालांकि कहा कि आज प्रतिस्पर्धा के स्वरूप में बहुत गिरावट आई है, जिस कारण कुछ विदेशी ऑपरेटरों ने देश छोड़ दिया है।
अनिल ने कहा, “पिछले वर्ष के दौरान एक के बाद एक ऑपरेटर को मूल्य क्षरण का सामना करना पड़ा और उन्हें भारी नुकसान हुआ। मैं इसे एक सेक्टर का सृजनात्मक विनाश कहता हूं।” उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र को खर्च के लिए और सेवा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए साल में न्यूनतम 100,000 करोड़ रुपये की जरूरत है। अंबानी ने कहा, “दूसरंचार क्षेत्र एक एकाधिकार, अल्पाधिकार की ओर बढ़ रहा है। क्या उपभोक्ता यही चाहते हैं? जहां तक आरकॉम का सवाल है, हमारे पास एक परिवर्तन कार्यक्रम है और वह चल रहा है।”

डी. अंबानी ने कंपनी के शेयरधारकों की 88वीं वार्षिक आम बैठक में संबोधित करते हुए कहा, “हम कई जापानी कंपनियों से संयुक्त उपक्रम के माध्यम से जुड़े हुए हैं और हम एक लाख करोड़ रुपये की इस अति महत्वाकांक्षी परियोजना में भागीदारी करेंगे।” अंबानी के अनुसार, कंपनी ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीदी, निर्माण) खंड पर ध्यान दे रही है। अंबानी ने कहा, “मुंबई में बांद्रा-वर्सोवा सी लिंग के लिए बोलीदाता के रूप में हमें चुना गया है, और मेट्रो ठेकों के लिए भी हमे आश्य पत्र प्राप्त हुए हैं।”

उन्होंने कहा, “इसके अतिरिक्त हमने मुंबई-नागपुर राजमार्ग परियोजना के लिए भी निविदा हासिल कर ली है।” अंबानी ने आगे कहा कि सरकार जल्द ही 50,000 करोड़ रुपये कीमत की छह पनडुब्बियों के विनिर्माण का ठेका भी दे सकती है। उन्होंने कहा, “पीपावाव के अधिग्रहण के बाद भारत में मात्र हम दो कंपनियां हैं, जो पनडुब्बियों के निर्माण के लिए सरकार की रणनीतिक साझेदारी कार्यक्रम में भागीदारी करने की स्थिति में हैं।”

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