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फडणवीस के खिलाफ सुलग रही है आग

मुंबई
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ राज्य के सबसे बड़े मराठा समाज में आग सुलग रही है। मराठों का गुस्सा उबाल मार रहा है। 72 हजार सरकारी नौकरियों की भर्ती में मराठों के लिए 16 प्रतिशत पद आरक्षित रखने का सीएम का फैसला इस आग को ठंडा करने के बजाय और भड़का रहा है। पूजा करने पंढरपुर न जाने के मुख्यमंत्री के फैसले पर भी मराठा समाज नाराज है। मराठा समाज को लग रहा है कि मुख्यमंत्री ने यह फैसला मराठों को अपमानित करने के लिए लिया है।
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सोमवार को मराठों के गढ़ पुणे में संभाजी ब्रिगेड और मराठा सेवा संघ के नेताओं ने भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री से सार्वजनिक रूप से मराठों से माफी मांगने की मांग की। संभाजी ब्रिगेड मराठा सेवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण गायकवाड, राज्य समन्वयक शांताराम कुंजीर और इतिहासकार श्रीमंत कोकाटे ने पत्रकार परिषद में कहा कि पंढरपुर में सरकारी पूजा में अनुपस्थित रहकर मुख्यमंत्री ने एक तरह से मराठों का अपमान किया है।

इसके लिए मुख्यमंत्री सार्वजनिक माफी मांगें। मराठा नेताओं ने कहा कि मराठा आरक्षण के संदर्भ में मुख्यमंत्री की पूरी भूमिका ही संदिग्ध है। मराठा आरक्षण का मामला जब कोर्ट में प्रलंबित है तो 16 फीसदी आरक्षण का अनुशेष रखने का अधिकार फडणवीस को किसने दिया? मराठा नेताओं ने कहा, मराठा क्रांति मोर्चा पिछले 2 साल से बहुत ही शांत तरीके से मोर्चा-प्रदर्शन कर रहा है। अब तक 58 मोर्चे निकाले जा चुके हैं, अब और इंतजार नहीं होगा।

मेगा भर्ती रद्द करो
मराठा क्रांति मोर्चा ने मांग की है कि जब तक मराठा आरक्षण पर कोई फैसला नहीं होता, तब तक मेगा भर्ती पर रोक लगाई जाए। वहीं, सरकार ने ऐलान किया है कि 72 हजार नौकरियों में से 16 फीसदी नौकरियां मराठा समाज के लिए आरक्षित रखी जाएंगी और मराठा समाज के आरक्षण पर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद यह बैकलॉग भरा जाएगा।

युवक ने ली जलसमाधि
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को औरंगाबाद जिले के सिल्लोड तहसील स्थित कायगांव टोक में एक 28 वर्षीय युवक काका साहेब दत्तात्रय शिंदे ने गोदावरी नदी में छलांग लगा दी। मृतक युवक शिवसेना का कार्यकर्ता बताया जा रहा है। उसकी मौत के बाद मराठा आंदोलन घटना स्थल पर अधिक आक्रामक हो गया। आंदोलनकारियों ने घटना स्थल पहुंचकर रास्ता रोको आंदोलन शुरू किया। गंगापुर पुलिस स्टेशन के समक्ष धरना आंदोलन शुरू कर दिया गया। प्रशासन के अधिकारी, अन्य दलों के नेता तथा मराठा आंदोलनकारी नेता ने शांति बनाए रखने की अपील की है।

20 लोग हिरासत में
सोमवार को मुख्यमंत्री फडणवीस पुणे के चिंचवड इलाके में ‘क्रांतिवीर चापेकर राष्ट्रीय संग्रहालय’ के ‘भूमि पूजन’ सहित कई समारोह में शिरकत करने के लिए आने वाले थे। पुणे पुलिस उपायुक्त गणेश शिंदे के अनुसार, ऐहतियाती तौर पर पुलिस ने मराठा क्रांति मोर्चा के 20 सदस्यों को उस समय हिरासत में लिया, जब वे समारोह स्थल की ओर बढ़ रहे थे।

दुखद मौत है: चव्हाण
औरंगाबाद जिले में काका साहेब शिंदे की मौत को कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद बताते हुए मराठा युवकों की धरपकड़ को सरकारी दमन बताया है। उन्होंने कहा सरकार हर विरोध करने वाले को ताकत के बल पर दबाना चाहती है। आंदोलनकारियों को गुनहगार ठहराया जा रहा है। किसानों ने मोर्चा निकाला तो उन्हें नक्सलवादी ठहराने का प्रयास किया गया। ऐल्गार परिषद के आयोजकों को माओवादी बताने का प्रयास किया गया। भीमा कोरेगांव दंगे के सूत्रधार को न पकड़ते हुए आंदोलन करने वाले दलित आंदोलकारियों की धरपकड़ की गई। चव्हाण ने मराठा आंदोलनकारियों से संयम बनाए रखने की अपील भी की है।

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