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आरुषि केस: राजेश और नूपुर तलवार की आज हो सकती है रिहाई, HC ने किया बरी

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2008 के आरुषि हत्याकांड मामले में नूपुर और राजेश तलवार को बरी करने के बाद शुक्रवार को उन्हें डासना जेल से रिहा किया जा सकता है. कोर्ट ने गुरुवार को तलवार दंपति को ये कहते हुए बरी कर दिया था कि परिस्थितियां और सबूत उन्हें दोषी सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. वहीं फैसला आने के बाद नूपुर और राजेश तलवार ने खुशी जाहिर की. जेल के जेलर डीआर मौर्या ने न्‍यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि जब डॉ. राजेश और नूपुर तलवार को यह बताया गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी अपील को स्‍वीकार कर ली है और उन्‍हें मामले में बरी कर दिया है तो वे खुश हो गए. उन्‍होंने कहा कि हमें न्‍याय मिल गया है.

जेलर ने कहा, हमें नहीं मिली फैसले की कॉपी
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी अब तक जेल नहीं पहुंची है. गाजियाबाद के डासना जेल के जेलर डी मौर्या ने मीडिया को तलवार दंपति की रिहाई के मामले में जानकारी देते हुए ये बात कही. उन्होंने कहा कि जब तक कोर्ट का ऑर्डर नहीं आएगा तब तक जेल की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती.

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहीं ये बातें
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आरुषि हत्याकांड मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘इस बात की प्रबल संभावना है कि किसी बाहरी व्यक्ति ने घटना को अंजाम दिया.’’ पीठ ने खचाखच भरे अदालत कक्ष में अपना फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘तथ्यों और रिकॉर्ड में दर्ज साक्ष्यों को देखकर हम पाते हैं कि न तो परिस्थितियां और न ही साक्ष्य सुसंगत हैं और परिस्थितियां घटना में अपीलकर्ताओं की संलिप्तता को दर्शाने के लिये कड़ियों को पूरा नहीं कर रही हैं.’’

‘‘ऐसी परिस्थिति में जब दो तरह की राय संभव है तो अपीलकर्ताओं को दोषी ठहराने वाला नजरिया अपनाना सही नहीं हो सकता है। कड़ियों को पूरा करने के लिये परिस्थितिजन्य साक्ष्य के अभाव में यह संदेह का लाभ अपीलकर्ताओं को देने का उपयुक्त मामला है.’’

क्या फैसले के खिलाफ जाएगी CBI
सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ की गई अपील पर तलवार दंपति को जीत मिल गई. सीबीआई ने फिलहाल यह नहीं कहा है कि वह उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील दायर करेगी या नहीं. सीबीआई ने कहा कि वह आदेश का अध्ययन करेगी और उसके बाद भावी कार्रवाई के बारे में फैसला करेगी.

दंपति डॉ. राजेश तलवार और नुपुर तलवार ने सीबीआई अदालत की ओर से आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. गौरतलब है कि डॉ. तलवार की बेटी आरुषि की हत्या 15 एवं 16 मई 2008 की दरम्यानी रात नोएडा के सेक्टर 25 स्थित घर में कर दी गई थी. हत्या का शक तलवार दंपति के घरेलू नौकर हेमराज पर जताया गया था, लेकिन हेमराज का शव घर की छत से कुछ दिनों बाद बरामद किया गया.

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