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गूगल अपने डूडल के जरिए मना रहा चिपको आंदोलन की 45वीं एनिवर्सरी

नई दिल्ली । गूगल आज अपने डूडल के जरिए 1973 में देश में हुए चिपको आंदोलन को नमन कर रहा है। इस आंदोलन को आज 45 वर्ष पूरे हो गए हैं। गूगल ने अपने विशेष डूडल के माध्यम से आंदोलन में शामिल हुए लोगों और इस आंदोलन को याद किया है।

पेड़ों को कटने से बचाने के लिए 1970 के दशक में इस आंदोलन की शुरुआत हुई और व्यापक रूप लिया। इस आंदोलन का नाम चिपको आंदोलन इसलिए पड़ा क्योंकि लोग पेड़ों को कटने से बचाने के लिए इनसे चिपक जाते थे। इस आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी को माना जाता है।

हालांकि 1730 में भी इस आंदोलन का जिक्र मिलता है जब राजस्थान 363 लोगों ने खेजरी पेड़ों के लिए अपनी जान दे दी थी। लेकिन 1973 में यह आंदोलन एक बार फिर से तेजी पर था और पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा भी इसमें शामिल हो गए। उन्होंने उत्तर प्रदेश में वनों को बचाने के लिए इस आंदोलन ोक तेज किया। 2009 में उन्हें इसके लिए पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया।

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