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लाखों करोड़ों रुपए की सर्व शिक्षा अभियान योजना हवा हवाई

गुना। सर्व शिक्षा अभियान में सरकार के द्वारा काफी बजट आवंटन करने की बात की जाती है परंतु यदि हकिकत में देखा जाए तो जिला एवं विकास खंड स्तर पर स्कूल भवन के रख रखाव के लिए बजट नहीं है यह हम नहीं कहते यह कहना है विकासखंड बमोरी के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पवन कुमार जैन का जब मीडिया टीम मुरादपुर स्कूल पहुंची तो नजारा ही कुछ था और ना तो स्कूल में बाउंड्री वाल थी नाही साफ सफाई स्कूल के चारों तरफ घांस ही घांस खड़ी थी और तो और खिड़कियों में ना दरवाजे थे। और ना ही कोई जाली लगी थी जिससे बरसात के समय में किसी प्रकार की सावधानी बरती जा सके स्कूल की बिल्डिंग में पंखे शो पीस बने हुए थे जोकि चल नहीं रहे थे बारिश के समय में जहरीले सांपों का ओर जीव जन्तुओ का घूमना आम बात होती है परंतु स्कूल प्रशासन द्वारा या प्राचार्य द्वारा किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं कर रखी खिड़कियां खुली पड़ी है यदि गलती से कोई जहरीला सांप स्कूल बिल्डिंग में घुस जाए किसी टीचर या छात्र छात्राओं में से किसी को अपना शिकार बना ले तो बड़ी बात नहीं है ।परंतु इसकी चिंता किसी को नहीं है स्कूल स्टाफ का कहना है क्षेत्र के विधायक ओर शासन के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया जी को और जिला शिक्षा विभाग को कई बार बता दिया गया परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई वही बमोरी विकासखंड में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की बिल्डिंग भी जर्जर हालत में देखी गई ना साफ सफाई मिली और ना ही किसी प्रकार के इंतजाम ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पवन जैन ने बताया कि हमारे यहां तो और तो और बाथरूम तक नहीं बनी है काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है विभाग के पास बजट नहीं है सवाल इस बात का है सरकार द्वारा इतना बजट हर साल आमंटित किया जाता है। आखिर कहां जाता है सोचनीय विषय है वहीं अगर विकास खंड अधिकारी राजेश शर्मा जनपद सीईओ की बात की जाए तो मीडिया की टीम ने देखा कि जनपद सीईओ राजेश शर्मा नवनिर्वाचित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चैंबरों का रखरखाव कराते देखे गए ।वहीं स्वयं के आफिस के आफिस की वाथ रूम मे नही करा पा रहे साफ सफाई वाथरूम मे पसरी मिली गंदगी ओर मकढी के जाले जब उनसे पूछा गया कि आपके बमोरी ब्लाक मुख्यालय पर सड़कों की हालत खराब है। वही मुरादपुर स्कूल की विषय में जानकारी दी तो उन्होंने कहा कि मेरा काम केवल जिला पंचायत से संबंधित है मेरे विभाग से संबंधित जो भी काम आएगा वह करूंगा इस पर भी एक सवाल उठता है कि जनपद सीईओ जब ब्लॉक स्तर में बैठे हैं तो क्या उनकी यह ड्यूटी नहीं बनती कि बारिश के दौरान कहां-कहां परेशानियां हैं ना तो तहसीलदार का ध्यान जाता है और ना ही जनपद जिओ का जबकि पूरे बमोरी ब्लॉक के स्कूलों की हालत बद से बदतर है फिर वह चाहे झागर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की बात करें जहां ना बाउंड्री वाल है और ना साफ सफाई वही कॉलोनी के मीना पुरा
की अभी यही हालत है ऐसे कौन से तरीके से निर्माण कार्य कराया जाता है क्योंकि 5 से 7 साल में बिल लोगों से पानी टपकने लगता है और जर्जर हालत में हो जाती है और तो और बिल्डिंगों में दरारे पड़ जाती हैं यह तो अब संबंधित ही जाने कि लाखों करोड़ों रुपए के बजट का पलीता किस तरीके से लगाया जा रहा है फिलहाल तो छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक रोजाना परेशानियों का सामना करते हुए समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं और खतरों से खेल रहे हैं

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