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Rajesh Khanna Death Anniversary: खून से खत लिखती थीं लड़कियां, सेट पर थे मनमौजी, जानें- काका के दिलचस्प किस्से

Rajesh Khanna Death Anniversary राजेश खन्ना भारतीय सिनेमा के वो हीरा थे जिन्होंने अपने शानदार अभिनय अनोखे स्टाइल और यादगार डायलॉग्स से बड़े-बड़े अभिनेताओं की छुट्टी कर दी थी और बन गए थे इंडस्ट्री के पहले सुपरस्टार। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वह अपने चाहने वालों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। आइए आपको राजेश खन्ना के कुछ दिलचस्प किस्से बताते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। Rajesh Khanna Death Anniversary:
हिंदी सिनेमा के एक सितारे के लिए एक कहावत बेहद मशहूर थी- ऊपर आका और नीचे काका। ये कहावत थी राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के लिए, जो भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहले सुपरस्टार रहे। इंडस्ट्री में राजेश खन्ना का अपना एक अलग ही स्टाइल था। फिल्म मेकर्स से डायरेक्टर्स तक, हर कोई राजेश को अपनी फिल्म में लेना चाहता था, इसके लिए वे उनके लाख नखरे भी उठाने के लिए तैयार रहते थे।
साल दर साल नए टैलेंटेड सितारे आए और मुकाम हासिल किया, लेकिन आज तक राजेश खन्ना के रिकॉर्ड्स को कोई तोड़ नहीं पाया। चाहे लड़कियों की दीवानगी हो या फिर एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में देना हो, राजेश खन्ना से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
क्या था राजेश खन्ना का असली नाम क्या है?
29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में जन्मे राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना था। जब उन्होंने फैसला किया कि वह फिल्मी दुनिया में अपना नाम बनाना चाहते हैं, तब उनके चाचा केके तलवार ने उन्हें राजेश नाम दिया था। उनके दोस्त और परिवार के सदस्य उन्हें घर में काका कहकर बुलाते थे, क्योंकि पंजाबियों में नौजवानों को काका बुलाया जाता था। ऐसे में राजेश का निकनेम ‘काका’ पड़ गया।
क्या राजेश खन्ना एडोप्टेड चाइल्ड थे?
राजेश खन्ना के बायोलॉजिकल पैरेंट्स लाला हीरानंद खन्ना और चंद्रानी खन्ना थे। जब राजेश बहुत छोटे थे, तब उन्हें उनके माता-पिता के रिश्तेदार चुन्नीलाल खन्ना और लीलावती खन्ना ने एडॉप्ट कर लिया था। तब से उन्होंने ही राजेश की परवरिश की।

इस फिल्म ने दी पहचान
जिस उम्र में बच्चे पढ़ाई करते हैं, उस उम्र में राजेश को एक्टर बनना था। वह कम उम्र में ही थिएटर आर्टिस्ट बन गए थे और स्कूल-कॉलेज में परफॉर्म करते थे। भले ही ‘आखिरी खत’ (1966) राजेश खन्ना की पहली रिलीज फिल्म थी, लेकिन उन्हें पहला ब्रेक बतौर एक्टर ‘राज’ से मिला था, जो 1967 में रिलीज हुई थी। बात करें पॉपुलैरिटी की तो राजेश को असली पहचान फिल्म ‘आराधना’ (1969) से मिली थी

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