व्यवसाय

वोडाफोन-आइडिया मर्जर: प्रतिस्पर्धा आयोग ने दी विलय सौदे को मंजूरी

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सोमवार को अतिरिक्त जांच के बिना वोडाफोन-आइडिया विलय के लिए बिना शर्त मंजूरी दे दी। सूत्रों के मुताबिक सीसीआई ने वोडाफोन और आइडिया को अनुमोदन पत्र भेजा है। सूत्र ने आगे बताया कि वोडाफोन और आइडिया को अब आवश्यक मंजूरी के लिए सेबी से संपर्क करना होगा।

सूत्र ने बताया, “विलय के लिए सभी विनियामक अनुमोदन 6 महीनों के भीतर होने की संभावना है। वोडाफोन और आइडिया दोनों ने ही आश्वासन दिया है कि वो सरकार को उन सर्कल्स के स्पेक्ट्रम को वापस कर देंगे जो जरूरी हैं। एनसीएलटी यह सुनिश्चित करेगा कि विलय डीओटी के मर्जर एंड एक्विजिशन दिशा निर्देशों के अनुसार है।”

मार्च महीने के दौरान वोडाफोन और आइडिया ने 23 बिलियन डॉलर (23 अरब डॉलर) में ऑपरेशंस के मर्जर के लिए डील की थी। इन्होंने यह फैसला इसलिए किया ताकि वो मिलकर देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बना पाएं ताकि सेक्टर में जियो की एंट्री के बाद पैदा हुए प्राइस वार के हालात से लड़ा जा सके। इस डील के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और अन्य नियामकीय मंजूरियों की दरकार थी।

वोडाफोन ने क्यों लिया मर्जर का फैसला:
आइडिया-वोडाफोन विलय से सभी बाजार में वोडाफोन इंडिया की स्थिति मजबूत होगी। आपको बता दें बीते दिनों चल रही खबरों में मुताबिक माना जा रहा था कि इस विलय के बाद ग्राहक और आय के लिहाज से यह सबसे बड़ी कंपनी बनकर सामने आएगी। इस मर्जर के बाद वोडाफोन की भारत में लिस्टिंग आसान हो जाएगी। ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए का मानना है कि डील के बाद वित्त वर्ष 2019 तक वोडाफोन का आय में 43 फीसदी, भारती एयरटेल का 33 फीसदी और रिलायंस जियो का 13 फीसदी मार्केट शेयर हो जाएगा।

Related Articles

Back to top button